पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) और सुकन्या समृद्धि स्कीम (Sukanya Samriddhi Scheme) दोनों ही ऐसी योजनाएं हैं जिसमें लंबे समय के लिए निवेश करके अच्छा खासा फंड तैयार किया जा सकता है. पीपीएफ (PPF) में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है, जबकि सुकन्या समृद्धि में सिर्फ 10 साल तक की बेटियों के नाम से इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है. ये स्कीम सरकार ने बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिहाज से तैयार की है. अगर आपने भी इनमें से किसी स्कीम में निवेश किया है तो ये खबर आपके लिए है. आज 1 अक्टूबर से इन दोनों स्कीम को लेकर नए नियम लागू होने जा रहे हैं. निवेशकों को इन नियमों की जानकारी जरूरी होनी चाहिए.
पीपीएफ के नए नियम
पहला बदलाव- पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में पहला बदलाव माइनर के लिए खोले गए पीपीएफ अकाउंट को लेकर है. नाबालिग के नाम से खोले गए PPF अकाउंट में उसे पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट रेट से ब्याज तब तक मिलेगा, जब तक उस बच्चे की उम्र 18 साल नहीं हो जाती. उसके बाद, PPF के लिए लागू ब्याज दर अप्लाई होगी. मैच्योरिटी का कैलकुलेशन उसके 18वें बर्थडे से किया जाएगा.
दूसरा बदलाव- पीपीएफ में दूसरा बदलाव ये है कि अगर किसी ने एक से ज्यादा पीपीएफ अकाउंट खोला है तो प्राइमरी खाते पर मौजूदा ब्याज दर लागू होगी और सेकेंडरी अकाउंट को प्राइमरी अकाउंट में मर्ज कर दिया जाएगा. अतिरिक्त राशि 0% ब्याज के साथ वापस की जाएगी. दो से अधिक अतिरिक्त खातों पर उनकी ओपनिंग की तारीख से 0% ब्याज मिलेगा.
तीसरा बदलाव- इस स्कीम में तीसरा बदलाव NRI को लेकर है कि ऐसे एक्टिव NRI जिनके PPF अकाउंट्स 1968 के अंतर्गत खोले गए, जहां फॉर्म एच में खाताधारक की निवास स्थिति के बारे में विशेष रूप से नहीं पूछा गया है. ऐसे खाताधारकों को 30 सितंबर तक पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट (POSA) ब्याज मिलेगा. इस तारीख के बाद, ब्याज 0% होगा.
सुकन्या समृद्धि के नए नियम
आज यानी 1 अक्टूबर से बेटियों की स्कीम सुकन्या समृद्धि योजना के नियम भी बदल जाएंगे. नए नियम के मुताबिक अगर Sukanya Samriddhi Account दादा-दादी ने ओपन किया है तो ऐसे में अकाउंट को अभिभावक या बायोलॉजिकल माता-पिता को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. अगर दो से ज्यादा अकाउंट खोले गए हैं तो अतिरिक्त अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा.