23 अप्रैल 2024 की रात आसमान में गुलाबी चांद खिला था. रात गई तो चांद भी चला गया. लेकिन यह हर साल अप्रैल के महीने में होने वाली खूबसूरत प्राकृतिक घटना है. इसे गुलाबी चांद का नाम देने की पीछे की वजह ये है कि इस महीने और मौसम में दुनिया में कई जगहों पर गुलाबी फूल खिलते हैं. इसलिए इसे ये नाम दिया गया है…
Approved Plot in Jaipur @ 3.50 Lakh call 9314188188
NASA के साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव गॉर्डन जॉनसन कहते हैं कि पूर्ण चंद्र यानी फुल मून महीने में एक बार होता है, जब सूरज, धरती और चांद एक काल्पनिक 180 डिग्री की लाइन पर आते हैं. 24 अप्रैल 2024 की सुबह करीब सवा पांच बजे ये चांद बेहद विशालकाय और अपनी पूरी सुंदरता से चमक रहा था.
नासा की साइंस कम्यूनिकेटर आंद्रिया जोन्स कहती हैं कि चांद की ऑर्बिट धरती की ऑर्बिट से पांच डिग्री अलग है. इसलिए वह हमेशा धरती की परछाई से या तो थोड़ा ऊपर रहता है, या फिर नीचे. इससे सूरज की रोशनी चांद के नजदीकी हिस्से को रोशन करती है. यानी वह हिस्सा जो धरती की तरफ रहता है
पिंक मून के और कई रोचक नाम
अप्रैल फुल मून या पिंक मून के और भी कई नाम हैं. जैसे- स्प्राउटिंग ग्रास मून एग मून (Egg Moon), फिश मून (Fish Moon) आदि. यहूदी इसे पीसैक या पासओवर मून भी कहते हैं. ईसाईयों में इसे पाश्चल मून (Paschal Moon) कहते हैं. इस चांद के निकलने पर ही ईस्टर की तारीख तय की जाती है.
ग्रहण के समय यही चांद ब्लड मून में बदल जाता है
पूर्ण चंद्र के समय कभी-कभी धरती की परछाई आंशिक या पूरी तरह से चांद पर पड़ जाती है, जिससे चंद्र ग्रहण लग दता है. ग्रहण के समय चांद का रंग जंग लगे हुए लोहे की तरह लाल हो जाता है. जिसे लोग ब्लड मून बुलाते हैं. आमतौर पर चांद लाल तब दिखता है, जब सूरज की रोशनी धरती के चारों तरफ से होती हुई चांद पर पड़ती है.