Explore

Search
Close this search box.

Search

July 8, 2024 12:22 am

Our Social Media:

लेटेस्ट न्यूज़

पीएचक्यू ने जारी किए निर्देश: जीरो नंबर, ई-एफआइआर और प्राथमिक जांच कैसे होगी दर्ज…

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

एक थाना पुलिस को दूसरे थाना पुलिस के क्षेत्र में हुए अपराध की शिकायत मिलती है तो वह एफआइआर दर्ज करती है और जांच के लिए संबंधित थाना पुलिस को भेजती है। यह जीरो नंबर की एफआइआर होती है। गंभीर अपराध के पीड़ितों, नि:शक्त, महिलाओं व बच्चों को एक से दूसरे पुलिस थाने भेजे बिना शीघ्र और सुविधापूर्वक शिकायत दर्ज कराने में मदद करना उद्देश्य है। इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक के कार्यालय को दी जाए। थाना पुलिस को शिकायत दर्ज करने के साथ ही यह भी ध्यान देना चाहिए कि साक्ष्य, गवाह नष्ट न हो और घटना स्थल पर छेड़छाड़ न हो।

पीड़ित घायल है तो उसके इलाज की व्यवस्था कर सुरक्षा सुनिश्चित भी करें। थाना पुलिस को शिकायत देने वाले तथ्यों व घटना पर संदेह हो तो वह क्षेत्रीय वृत्ताधिकारी से तुरंत मार्गदर्शन ले सकती है। वृत्ताधिकारी जीरो एफआइआर या प्राथमिक जांच की पालना करवाएंगे।

Bigg Boss OTT 3: में देख आ रहा तरस; गर्लफ्रेंड या शराब किसने बर्बाद किया Ranvir Shorey का करियर….

प्राथमिक जांच

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (2023) में प्राथमिक जांच संबंधी प्रावधानों को वैधानिक माना है। थानाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि कार्रवाई करने के लिए प्रथम दृष्टयता मामला बनता है या नहीं। ऐसे अपराध जिनमें कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष कारावास के दंड का प्रावधान हो। जांच 14 दिन के अंदर ही करनी होगी।

इनकी प्राथमिक जांच

पारिवारिक विवाद, वाणिज्यिक अपराध, चिकित्सा लापरवाही संबंधित अपराध एवं पुलिस थाना के क्षेत्र के निर्धारण सहित अन्य मामलों में प्राथमिक जांच की जा सकती है। प्राथमिक जांच में संज्ञेय अपराध होने की पुष्टि होती है तो तुरंत एफआइआर दर्ज की जाए।

एससी-एसटी के मामले, बिना प्राथमिक जांच के दर्ज हो रिपोर्ट:

डीजीपी यू.आर. साहू ने आदेशमें बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 कानूनी रूप से इसप्रावधान के अंतर्गत नहीं आता है।इसलिए एफआइआर किसी भी प्राथमिक जांच के बिना दर्ज की जानी चाहिए।

पुलिस थाना को संज्ञेय अपराध की सूचना इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दी जाती है तो उक्त सूचना ई-एफआइआर की श्रेणी में आएगी। थानाधिकारी शिकायत को डाउनलोड कर ई-शिकायत रजिस्टर में दर्ज करेगा। संज्ञेय (गंभीर) अपराध हुआ है तो थानाधिकारी शिकायतकर्ता से संपर्क कर उसे बताएगा कि शिकायत मिलने के तीन दिन के अंदर उसको थाने आकर ई-सूचना को सत्यापित करना है। इसके बाद विधिवत रूप से एफआइआर दर्ज की जाए।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Digitalconvey.com digitalgriot.com buzzopen.com buzz4ai.com marketmystique.com

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर