आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास एक बार फिर सुर्खियों में हैं. भारतीय मूल के इस उद्यमी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) पर अपनी नई Comet AI Browser का प्रमोशन करते हुए कहा, ‘इंटरनेट Google के हाथों में छोड़ना बहुत खतरनाक है.’ ये बयान ऐसे समय में आया है जब Perplexity ने पिछले महीने ही अपना नया AI-पावर्ड Comet ब्राउज़र लॉन्च किया है. यह ब्राउज़र सीधे तौर पर Google Chrome को टक्कर देने के लिए तैयार किया गया है और कंपनी का दावा है कि यह यूज़र्स को ‘फैमिलियर लेकिन स्मार्ट एक्सपीरिएंस’ प्रदान करेगा.
कुछ समय पहले, Perplexity ने Google को एक $34.5 बिलियन (लगभग ₹2.8 लाख करोड़) का ऑफर दिया था, जिसमें उन्होंने क्रोम ब्राउज़र को खरीदने की बात रखी थी. यह ऑफर कंपनी ने बिना Google की मांग के भेजा था. दिलचस्प बात ये है कि Perplexity खुद की वैल्यूएशन करीब $18 बिलियन है, यानी उन्होंने अपनी कीमत से लगभग दोगुनी रकम की पेशकश की थी.
Chrome के पास दुनियाभर में 3 अरब से ज़्यादा यूज़र हैं, और अगर ये डील होती तो AI-सर्च मार्केट में Perplexity को बहुत बड़ा फायदा मिल सकता था. कंपनी ने वादा किया था कि अगर Chrome उनके पास आता है, तो वे क्रोमियम को ओपन-सोर्स रखेंगे, डिफॉल्ट सर्च सेटिंग्स नहीं बदलेंगे, और दो साल में $3 बिलियन का निवेश करेंगे.
ये ऑफर उस वक्त आया था जब अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) Google के खिलाफ मोनोपॉली केस में Chrome को बेचने का दबाव बना रहा था. DOJ का कहना था कि Chrome को अलग करने से Google का सर्च पर कंट्रोल कम होगा और बाकी कंपनियों को बराबरी का मौका मिलेगा.
Comet Browser है Chrome का AI वर्ज़न
अब Perplexity ने खुद का Comet Browser लॉन्च कर दिया है. यह Chromium फ्रेमवर्क पर बेस्ड है, यानी इसमें Chrome एक्सटेंशन्स और बुकमार्क्स सपोर्ट करते हैं.
अब Perplexity ने खुद का Comet Browser लॉन्च कर दिया है. यह Chromium फ्रेमवर्क पर बेस्ड है, यानी इसमें Chrome एक्सटेंशन्स और बुकमार्क्स सपोर्ट करते हैं.
Comet में एक AI-साइडबार असिस्टेंट है जो आर्टिकल समरी, ईमेल ड्राफ्ट, शेड्यूल मैनेजमेंट और रियल-टाइम फैक्ट-चेकिंग जैसे काम करता है. इसके अलावा इसमें वर्कस्पेस फीचर, कॉन्टेंट जेनरेशन, और पर्सनलाइज्ड रिकमेंडेशन जैसे स्मार्ट टूल्स भी मौजूद हैं.
फिलहाल Comet भारत में Perplexity Pro यूज़र्स के लिए Windows और macOS पर उपलब्ध है. Android प्री-ऑर्डर खुले हैं, जबकि iOS वर्ज़न जल्द लॉन्च किया जाएगा. खास बात यह है कि Perplexity ने भारती एयरटेल के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत यूज़र्स को 1 साल की फ्री Pro सब्सक्रिप्शन दिया जा रहा है.
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