नई दिल्ली. बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (Patanjali Ayurved Limited) ने अपने नॉन फूड बिजनेस को बेचने का प्लान बना लिया है. ऐसा होता है तो पतंजलि जल्द ही दंतकांति जैसे प्रोडक्ट बेचना बंद कर देगी. कंपनी ने टूथपेस्ट, तेल, साबुन और शैम्पू जैसे प्रोडक्ट को बेचने का मन बना लिया है. कंपनी ने ऑफिशियली बताया है कि उसे पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के नॉन फूड बिजनेस को बेचने का मन बना लिया है. कंपनी ने शेयर बाजार को भी इसकी जानकारी दे दी है.
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पतंजलि फूड लिमिटेड (Patanjali Foods Limited) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने बीते सप्ताह हुई बैठक में बताया कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से नॉन फूड बिजनेस को बेचने का प्रस्ताव मिला है. बोर्ड ने कहा है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने से पहले कंपनी की वैल्यूएशन की जाएगी, ताकि नॉन फूड बिजनेस का सही मूल्य आंका जा सके. इस कंपनी को पतंजलि फूड ने खरीदने का मन बनाया है और उसकी ओर से प्रस्ताव भी दिया गया है.
क्या है कंपनी की रणनीति
पतंजलि फूड ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है. कंपनी को बेचने के लिए प्रोफेशनल भी नियुक्त किए जाएंगे, जो उसकी शर्तें आदि तय करेंगे और खरीदार कंपनी के साथ मोलभाव भी करेंगे. इसके बाद ऑडिट कमेटी और बोर्ड मिलकर आगे के बारे में फैसला करेंगे.
कंपनी मजबूत कर रही पोर्टफोलियो
पतंजलि अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने के लिए बिस्कुट बिजनेस को भी खरीद लिया है. मई, 2021 में पतंजलि नेचुरल बिस्कुट प्राइवेट लिमिटेड ने 60 करोड़ में यह सौदा किया था. इसके अलावा जून में कंपनी ने नूडल्स और ब्रेकफास्ट सेरेल्स बिजनेस को भी 3.5 करोड़ में खरीद लिया था. इसके बाद मई, 2022 में कंपनी ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से 690 करोड़ में फूड बिजनेस खरीदा था.
कंपनी का जोर फूड बिजनेस पर
कंपनी का प्लान है कि फूड बिजनेस को मजबूत बनाकर ग्रोथ और मुनाफा हासिल किया जाए. पतंजलि फूड लिमिटेड (पहले रुचि सोचा इंडस्ट्रीज लिमिटेड) को साल 1986 में स्थापित किया गया था. यह कंपनी देश की टॉप FMCG कंपनियों में शामिल है. यह कंपनी खाने के तेल और खाद्य उत्पादों के अलावा पवन शक्ति प्रोजेक्ट में भी कारोबार कर रही है.