अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझने वाले पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में लोगों की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं. भले ही देश को मित्र देशों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से उसे बड़ी आर्थिक मदद मिली हो, लेकिन लोगों पर बोझ बढ़ता ही जा रहा है. अब एक बार फिर पाकिस्तान ने आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की किस्त पाने के लिए उसकी कड़ी शर्तों को मानते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं. इसके तहत एक झटके में शहबाज शरीफ सरकार ने 1.5 लाख लोगों को नौकरियों से बाहर निकाल दिया है. आइए जानते हैं पाकिस्तान ने कर्ज के लिए क्या-क्या किया?
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IMF की शर्तों से पाकिस्तान में हाहाकार
पाकिस्तान सरकार (PAK Govt) ने अपने बदहाल आर्थिक हालातों को सुधारने के लिए तमाम कदम उठाए, लेकिन ये सारे देश की जनता पर भारी पड़े हैं. वर्ल्ड बैंक से लेकर ADB तक कंगाल पाकिस्तान ने मदद के लिए गुहार लगाई थी, लेकिन उसकी एक न सुनी गई, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हालांकि तमाम मिन्नतों के बाद कुछ शर्तों के साथ पाकिस्तान को आर्थिक मदद देनी शुरू की और अब बेलआउट पैकेज की अगली किस्त के लिए ऐसे शर्तें थोपीं कि जनता में हाहाकार मच गया.
एक झटके में 1.5 लाख लोग बेरोजगार
चरम पर पहुंचे आर्थिक संकट में मदद के लिए आईएमएफ ने पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की किस्त रिलीज करने से पहले कई शर्तें लगाईं और इन्हें मानने के अलावा शहबाज सरकार के पास कोई चारा नहीं था. IMF की नई शर्तों को मानते हुए पाकिस्तान सरकार ने जो बड़े फैसले लिए हैं, उनमें से सबसे बड़ा फैसला ये है कि देश में एक झटके में करीब 1.5 लाख लोगों को बेरोजगार कर दिया गया है. पहले से महंगाई (Pakistan Inflation) की मार झेल रहे लोग खाना-पानी के लिए मोहताज थे अब उनकी कमाई पर भी बैन लगा दिया गया है. इससे आने वाले समय में हालात और भी बिगड़ने के आसार बन गए हैं.
छह मंत्रालयों पर ताला, दो का मर्जर
Pakistan सरकार ने सिर्फ लाखों नौकरियां ही नहीं घटाई हैं, बल्कि छह मंत्रालय पर भी ताला लटका दिया है. यही नहीं दो मंत्रालयों का आपस में मर्जर किया गया है. ये सभी शर्तें आईएमएफ की ओर से अगली किस्त रिलीज करवाने के लिए मानी गई हैं और इससे सबसे ज्यादा परेशानी देश के आम लोगों को हुई है. पाकिस्तान को इस कदम से IMF की ओर से 7 अरब डॉलर की मदद मिलेगी और 1 अरब डॉलर की किस्त रिलीज भी कर दी गई है. रिपोर्ट्स के मुातबिक, शहबाज सरकार ने प्रशासनिक खर्चों में कमी लाने के लिए ये कड़े कदम उठाए हैं, जो आईएमएफ की तय शर्तों के तहत हैं.
Tax का बोझ बढ़ाने की भी तैयारी
आईएमएफ (International Monetary Fund) के दबाव में पाकिस्तान सरकार ने उसकी कई मांगें मानी हैं और अगला कदम टैक्स टू GDP रेश्यो बढ़ाने की ओर उठाने वाला है. पाकिस्तान अब एग्रीकल्चर और रियल एस्टेट सेक्टर पर तगड़ा टैक्स लगाने की तैयारी में है और इसके साथ ही सब्सिडी में कटौती का फैसला भी ले सकता है. मतलब साफ है महंगाई की मार से तड़पती जनता पर टैक्स का बोझ भी बढ़ने वाला है. देश के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने भी कहा कि आईएमएफ के साथ एक राहत पैकेज को अंतिम रूप दिया गया है, जो पाकिस्तान के लिए आखिरी पैकेज होगा. हमने अपनी इकोनॉमी को सुधारने के लिए आईएमएफ की सभी मांगें मान ली हैं.
वित्त मंत्री बोले- पहले भरें टैक्स, फिर खरीदें प्रॉपर्टी-कार
Pakistan FM ने कहा है कि अब हमें अपना टैक्स रेवेन्यू (Tax Revenue) बढ़ाने पर जोर देना है. उन्होंने कहा कि इस साल करीब 7,32,000 नए टैक्सपेयर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है और इसके बाद देश में Taxpayers की तादाद बढ़कर 3.2 मिलियन हो गई है. औरंगजेब के मुताबिक, देश की इकोनॉमी (Pakistan Economy) सही ट्रैक पर आगे बढ़ रही है. बता दें कि बीते साल 2023 में पाकिस्तान डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन आखिरी समय में IMF की मदद मिलने से ये कंगाल होने से बच गया, लेकिन अभी भी हालात बदतर बने हुए हैं. वित्त मंत्री ने अपने बयान में ये भी कहा कि अब टैक्स न भरने वालों पर सख्ती की जा रही है और Tax Defaulters को देश में प्रॉपर्टी और कारें व अन्य गाड़ियां खरीदने की मंजूरी नहीं मिलेगी.