गहलोत ने सरकार ने राज्यकर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का तोहफा दिया था। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को खूब भुनाया, लेकिन जीत नहीं मिली। भाजपा के सत्ता में आने के बार से यह मामला शांत पड़ा है। मगर अब विधानसभा सत्र शुरू होते ही ओपीएस का जिन्न फिर बाहर आ गया है। कांग्रेस के पांच विधायकों ने सरकार से ओपीएस को लेकर प्रश्न पूछा है। इसमें प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा भी शामिल हैं। प्रश्न यही पूछा गया है कि क्या सरकार ओपीएस लागू करेगी ? अगर हां तो कब तक इसे लागू किया जाएगा। डोटासरा के अलावा इंद्रा मीणा, हरीश्चंद्र मीना, घनश्याम और गणेश घोघरा ने ओपीएस को लेकर सवाल पूछा है। गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने ओपीएस को लागू किया था। राज्यकर्मियों के साथ निगम व बोर्ड में यह स्कीम लागू की गई थी। अशोक गहलोत ने कर्मचारियों से वादा किया था कि अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो कानून बनाकर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी
संकल्प पत्र में नहीं किया उल्लेख
ओपीएस को लेकर राजस्थान भाजपा के संकल्प पत्र में भी कोई उल्लेख नहीं था। हालांकि गृहमंत्री अमित शाह ने जयपुर में एक प्रेस वार्ता में कहा था कि एक कमेटी इस पर काम कर रही है, उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे फैसला किया जाएगा। हालांकि भाजपा शुरू से ही ओपीएस के पक्ष में नहीं थी।
पेट्रोल-डीजल पर वैट कब होगा कम:
ओपीएस के अलावा पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने को लेकर भी विधानसभा में प्रश्न लगाया गया है। वित्त विभाग से यह प्रश्न किया गया है। विधायक हरिश्चंद्र मीणा, बाबूसिंह राठौड़, रामनिवास गावड़िया और मुकेश भाकर ने यह प्रश्न पूछा है। भाजपा ने चुनाव में पेट्रोल-डीजल पर राजस्थान में सर्वाधिक वैट को लेकर मुद्दा बनाया था। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जयपुर में प्रेस वार्ता भी की थी। उन्होंन सत्ता में आने के बाद इन दरों की समीक्षा की बात कही थी। चर्चा है कि जल्द ही दरें कम की जा सकती हैं।