जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट में इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल नर्सिंग कॉलेज बी एस सी की 45 छात्राये अपने दो सहायक प्रोफ़ेसर प्रिया वर्मा और कीर्ति चिताम्बरे के साथ एक स्टडी टूर पर आये कि जनक पलटा मगिलिगन “ स्वस्थ और स्वच्छ जीवन कैसे जीती हैं”। जनक ने उनका स्वागत कर परिचय देते हुए बताया कि 1/2 एकड़ में बना उनका आवासीय “गिरिदर्शन” ,पूर्णतय कचरा और कचरादान मुक्त है , प्लास्टिक /केमिकल मुक्त है ,अपना जैविक उगाया खाती है ! उन्हें दर्जन भर विभिन्न प्रकार के सोलर कुकर दिखाए जिसमे पेराबोलीक, फोल्डेबल ,
बॉक्स कुकर दिखाए , सूर्य की प्रचंड उर्जा से खोलता हुआ अपने पीने का पानी दिखाया , मिटटी की हांनडी में बनती दाल और सबसे बड़ा अचम्भा था जब वह सोलर किचन जिसे उनके पति सोलर शिल्पी स्वर्गीय जिम्मी मगिलिगन द्वारा बनाई सोलर डिश ऑटो-ट्रैकिंग सिस्टम से सूरज के साथ साथ घूमती है , जो बिना किसी बैटरी या सिलिकॉन से बने फोटोवोल्टेक पेनल के पूर्णतय कार्बनमुक्त है सीधे सूर्य की ऊर्जा से खाना किचन के अंदर 50 लोगो का खाना बन जाता है । फ़ूड प्रोसेसिंग
के उपकरण ड्रायर , गर्म पानी वाले सोलर गीज़र, सोलर -विंड पॉवर चलते हुए दिखाए ।
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इसके बाद छात्रों और शिक्षको एक एक कर पेड़ो से परिचय करवाया ” यह है हमारे अर्जुन , बेल , रुद्राक्ष,रामफल पारिजात,सीताफल अश्वगंधा. कठहल , कदम्ब , सोनापत्ती, नीम , खटी इमली , विलायती इमली , क्बीठ , कचनार ,करौंदा, बादाम, अंजीर ,सिन्दूर , शबरी वाले बेर ,शहतूत ,सहजन , आम ,जाम , आवला ,वाटरएप्पल , चीकू पपीता,करंज ,बेशर्म, करंज, नीम्बू , संतरा मौसमी बहुत सारे फ़ल देते है । गाय , श्वान अनेको पक्षिओ , , जीवजंतुओ के आश्रय है ! कुछ भी बेचने के लिए नही और खरीदने भी नही जाती । सोलर कुकर और ड्रायर से साल भर के फलो के शरबत, जैम ,ड्राईफ्रूट ,चटनी ,मुरबे मूंगफली का मकखन आदि स्वस्थ और शुद्ध मिलता है । छात्रो ने शुद्ध देसी जैविक अनाज,दाले , मेथी, गिलकी, भिंडी ,बालोर ,गराडू देखी देशी जड़ी बूटियों गिलोय ,हड्डीजोड़, इंसुलिन, वज्रदंती, ग्वारपाठा अरीठा , आँक धतूरा के बाद मसाले मिर्ची ,राई ,मेथीदाना,सौंफ , सूए , अजवयंन ,हल्दी , प्याज लहसुन, टमाटर आलू , मीठी नीम ,गर्ममसाला, अम्बाडी तुलसी,मरुआ लेमन-ग्रास देखी । पक्षियों और जानवरों के लिए और स्वच्छ हवा, ये सभी सूरज और हवा के साथ-साथ रासायनिक मुक्त मिट्टी द्वारा संचालित ऊर्जा के प्राकृतिक और नवीकरणीय स्रोतों के साथ जीवन का निर्वाह कर रहे हैं , बिना किसी कचरे को उत्पन्न किए पूर्णतय शुद्ध ऑक्सीजन,पानी भोजन और मन की शांति के स्रोत हैं। एक तालाब से रेनवाटर हार्वेस्टिंग / वर्षा जल संचयन के संकल्प से जहा आस पडोस में 1000 फुट नीचे से पानी खींचते है ,हम 250 फुट से ही सम्पन्न है ।
इसके बाद एक संवाद के दौरान जनक पलटा मगिलिगन ने बताया वे बहाई पायनीयर है “ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए जीवन के उद्देश्य का पालन करने के लिए प्रयास कर रही हैं क्योंकि हमारी आध्यात्मिक जिम्मेदारी है कि हम अपने स्वयं, अपने परिवार और समुदाय को बनाए रखें और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में और “भारत मा , गौमाता , धरती माता की जय ” करने में योगदान दें । पिछले चार दशकों में चंडीगढ़ छोड़ जीवन इंदौर और अब इस गाँव में रहते और अपने बहाई पति जिम्मी मगिलिगन के साथ जो भी सीखा है, अनुभव पाया है मेरी सबसे बड़ी दौलत है जिसे सभी उत्सुक बच्चों. युवा और उन सभी लोगों को निशुल्क प्रकृति संरक्ष्ण सिखाने हर पल यथायोगग्य प्रयासरत हूं। उन्होंने कहा जलवायु संकट से बचने के लिए अब हमारे पास और कोई विकल्प नहीं ! हम सभी को प्रकृति संरक्ष्ण करना ही पड़ेगा,प्रकृति बचेगी तो दुनिया बचेगी ! आप नर्सिंग को एक नौकरी नही , फ्लोरेंस नाईटीईन्गेल जैसी बनना और रोगिओ को निरोग करने के साथ खुद अपने तन मन आत्मा को स्वस्थ जीवन जीना।
छात्रो और दोनों मैडम ने कहा उनके जीवन में यह दुर्लभ पेड़ , प्रजातियो ,प्रकृतिक , कचरामुक्त ,ज़हरमुक्त , शुद्ध स्वस्थ जीवन देख कर पहली बार हमने प्रक्टिकल देखा है, कि आप बोलती नहीं, करती है। आप के दिखाए मार्गदर्शन से हम इतने प्रेरित हैं कि हम भी ज़रूर कोशिश करेंगे !