दौसा 20 फरवरी। मेहंदीपुर थाना इलाके में बालाजी के दर्शन करने आए एक परिवार के 7 साल के बच्चे के अपहरण के मामले में पुलिस ने त्वरीत कार्रवाई कर अगवा बच्चे को उसी के गांव से सकुशल बरामद कर लिया। साथ ही घटना का खुलासा कर किडनैपिंग के आरोपी सोतेले पिता दिनेश उर्फ धन्ना बेड़िया पुत्र राकेश (32) निवासी गांव बगदारी थाना सेवर जिला भरतपुर को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी वंदिता राणा ने बताया कि घटना के संबंध में 18 फरवरी को बच्चे की मां सुनीता ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 17 फरवरी को वह अपने पति दिनेश उर्फ धन्ना व बेटे समर उर्फ दादू (7) के साथ गांव बगदारी से किराए से कार लेकर मेहंदीपुर बालाजी दर्शन को आए थे। बालाजी मोड़ पर चाय पीने के लिए रुके। इतनी देर में कार में बैठे उसके बेटे समर को कोई अज्ञात अपहरण कर ले गया। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए आईजी रेंज उमेश चंद्र दत्त के निर्देशन में एसपी श्रीमती राणा द्वारा घटना के खुलासे के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शंकर लाल व सीओ मानपुर दीपक कुमार मीणा, सीओ महवा प्रेम बहादुर, एसएचओ मानपुर आरपीएस मनोहर लाल मीणा व एसएचओ मेहंदीपुर बालाजी बुद्धि प्रसाद के सुपरविजन में अलग-अलग टीम गठित की गई।
एसपी राणा ने बताया कि बच्चे की तलाश में भरतपुर व आगरा टीमें रवाना की गई। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज चेक किये जिसमें एक सन्दिग्ध व्यक्ति कार से बालक को उतारकर ले जाते दिखाई दिया। जांच के दौरान बच्चे के सौतेले पिता दिनेश का व्यवहार असामान्य नजर आने पर सख्ताई से पूछताछ की गई और मामले का खुलासा हो गया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि सुनीता के पहले पति अनमोल की 3 साल पहले एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। उस समय सुनीता अपने बेटे समर के साथ बालाघाट मध्य प्रदेश में रहती थी। एक साल पहले बालाघाट जाने के दौरान रेलवे स्टेशन पर सुनीता से मुलाकात हुई और जान पहचान आगे बढ़ी। एक महीने पहले ही उसने सुनीता से शादी की और बच्चे के साथ भोपाल में ही रहने लगा।
आरोपी की पहली पत्नी कोमल और दो बेटियां गांव बगदारी में रहती है। दूसरी पत्नी सुनीता का बच्चा समर दिनेश के मंसूबों में अड़चन बन रहा था। इसलिए उसने अपने साले निरंजन निवासी बगदारी से मिलकर समर को बेचने की योजना बनाई। योजना के अनुसार दूसरी पत्नी सुनीता व बच्चे समर को लेकर मंदिर दर्शन के बहाने मेहंदीपुर बालाजी आया। जहां बच्चे को कर में छोड़कर चाय पीने के बहाने दुकान तक पहुंचे। इतनी देर में आरोपी के साले निरंजन और साले के साले राहुल ने मिलकर बच्चे को अगवा कर लिया।
एसपी श्रीमती राणा ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने व पुलिस के बढ़ते दबाव को देख आरोपी निरंजन व राहुल 18 फरवरी की देर रात ही बच्चे को बगदारी गांव के समीप छोड़ गए थे। जिसे वहां पहुंची एक टीम ने दस्तयाब कर लिया। आरोपी रात के अंधेरे में भागने में सफल हो गए, जिनकी तलाश में एक टीम गठित की गई है।