इन जिलों को होगा फायदा
यहीं से सीधे राजस्थान के चूरू, झुंझुनूं और सीकर में पानी पहुंच सकेगा। हालांकि, राजस्थान और हरियाणा की संयुक्त टास्क फोर्स डीपीआर बनाएगी, जिसमें से वास्तविक लागत और दूरी सामने आएगी।
दिल्ली में बैठक के बाद सक्रियता बढ़ी
डीपीआर के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड भी तकनीकी सहयोग देगा। दिल्ली में एक दिन पहले दोनों राज्य हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने इस संबंध में निर्देश दिए थे।
राजस्थान रहा सक्रिय, हरियाणा लेटलतीफ
दोनों राज्य और केन्द्रीय जल आयोग के बीच पिछले वर्ष 17 फरवरी को दिल्ली में संयुक्त डीपीआर बनाने के लिए एमओयू हुआ था। राजस्थान ने 14 मार्च को टास्क फोर्स का गठन कर दिया। जल संसाधन विभाग ने हरियाणा सरकार को पिछले वर्ष 8 अप्रेल और फिर 5 जुलाई को टास्क फोर्स गठन करने की जरूरत जताई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
रेल ट्रैक के पास लाइन बिछाने पर नहीं बनी बात
पहले रेल ट्रैक के पास पाइप लाइन बिछाने पर विचार किया गया। इसके लिए रेल मंत्री को पत्र भी लिखा गया। इसके बाद कुरुक्षेत्र से हिसार और फिर हिसार से सिवानी तक संयुक्त निरीक्षण किया गया। हालांकि, इस रूट की संभावना कम है।
यहां बनेंगे रिजरवॉयर
प्रोजेक्ट में मुय रिजरवॉयर चूरू जिले के हांसियावास में बनाएंगे। अन्य रिजरवॉयर स्थलों के चिन्हित करने का काम चल रहा है। झुंझुनूं जिले की बुहाना तहसील में भी अतिरिक्त स्टोरेज रिजरवॉयर बनाए जाएंगे। इनमें पानी एकत्र किया जाएगा।
दो चरणों में होगा काम
पहला चरण: राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूं और अन्य क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल उपलब्ध होगा।
दूसरा चरण: चूरू जिले में 35000 हेक्टेयर और झुंझुनूं जिले में 70000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।