लोग आमतौर पर किसी कंपनी में काम करते हैं तो अपनी पूरी शिद्दत से उस कंपनी के लिए तत्पर रहते है। हर कर्मचारी चाहता है कि उसके काम करने के दौरान कंपनी का विकास होता रहे और कंपनी अच्छी ग्रोथ करे। वर्षों तक निष्ठा के साथ कंपनी में नौकरी करने के बाद भी अगर समय पड़ने पर कंपनी साथ ना देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दे तो ये दुखद अनुभव होता है।
इन दिनों सोशल मीडिया पर माइक्रोसॉफ्ट का एक मामला चर्चा में है, जो कंपनी के पूर्व कर्मचारी की पत्नी ने साझा किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक महिला ने पोस्ट किया कि मेरे पति ने 25 वर्षों तक माइक्रोसॉफ्ट में काम किया। माइक्रोसॉफ्ट में काम करने के दौरान उन्होंने कभी छुट्टी नहीं ली। यहां तक की बीमार होने पर भी घर से ही काम करते थे। दिन रात एक करने के बाद भी अपने साथियों की काम में मदद की। त्योहार में भी घर से ही काम किया यहां तक अपने हक का प्रमोशन भी नहीं मांगा। मगर अब कंप्यूटर एल्गोरिदम की वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है।
महिला ने बताया कि उनके पति ऑटिज्म से पीड़ित है। उन्हें मल्टीपल स्क्लेरोसिस की समस्या भी है। सेहत से जूझते हुए भी उनके पति ने कभी भी अपने काम पर असर नहीं होने दिया। मगर कंप्यूटर के एल्गॉरिदम के कारण उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। ये सब तब हुआ जब उनके पति का 48वां जन्मदिन आने वाला था।
बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में 6000 कर्मचारियों की बहुत बड़ी छंटनी की है। एआई में निवेश बढ़ाने के लिए ये फैसला कंपनी ने किया है। माइक्रोसॉफ्ट के इतिहास में ये कंपनी की दूसरी सबसे बड़ी छंटनी है। इस छंटनी के कारण अमेरिका में 2000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है।
