कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2024-25 के लिए भविष्य निधि जमा यानी ईपीएफ पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर बरकरार रखने का निर्णय किया। यह ब्याज पिछले वित्त वर्ष के बराबर है। मतलब ये हुआ कि ब्याज दर में इजाफा नहीं हुआ है। अब अगली तिमाही के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि और सुकन्या समृद्धि जैसी छोटी बचत योजनाओं पर फैसला होना है। यह फैसला 31 मार्च से पहले हो जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में कटौती कर सकती है।
पिंपल्स या फिर दाग-धब्बे……..’कुछ लोगों के चेहरे पर अक्सर निकलते हैं!
क्या है वजह
दरअसल, बीते दिसंबर महीने में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में कटौती की है। इसके बाद खपत को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय अगले वित्तीय वर्ष में छोटी बचत योजनाओं के लिए दरें कम करने पर विचार कर सकता है। बता दें कि सुकन्या समृद्धि पर 8.2 प्रतिशत और पीपीएफ के अलावा डाकघर बचत जमा योजनाओं की ब्याज दरें क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गई हैं।
ईपीएफ पर क्या फैसला
श्रम मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने शुक्रवार को अपनी बैठक में 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.25 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। मंत्रालय ने बताया कि ब्याज दर को सरकार आधिकारिक रूप से अधिसूचित करेगी। इसके बाद ईपीएफओ सदस्यों के खातों में ब्याज दर जमा कर देगा।
बयान के अनुसार, ब्याज दर पर निर्णय शुक्रवार को यहां केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 237वीं बैठक में लिया गया। मंत्रालय ने कहा कि कई अन्य निश्चित आय साधनों की तुलना में, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अपेक्षाकृत उच्च और स्थिर रिटर्न प्रदान करता है, जिससे बचत में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित होती है। बता दें कि ईपीएफओ ने फरवरी, 2024 में ईपीएफ पर ब्याज दर को 2022-23 में 8.15 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़ाकर 2023-24 के लिए 8.25 प्रतिशत कर दिया था।
