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May 18, 2025 6:43 am

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NEET UG 2025: एक्सपर्ट से जानिए कैसा रहा NEET का पेपर……’फिजिक्स के सवालों ने किया परेशान…..

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NEET 2025 का एग्जाम 4 मई शाम 5 बजे खत्म हो गया, लेकिन चर्चा दूसरे दिन भी जारी है. कारण यह है कि परीक्षा केंद्र से निकले अभ्यर्थी निराश थे. छात्र तो छात्र उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक भी हैरान हैं, चाहे कोचिंग के हों या स्कूल के. इसका जो प्राथमिक असर पड़ने की संभावना है, वह होगा कट-ऑफ पर जो इस बार नीचे जाने की उम्मीद है.

डॉक्टर बनने का सपना लेकर मेहनत करने वाले बच्चे इस प्रतिष्ठित परीक्षा से दूरी भी बना सकते हैं. जबकि अभी तक यह एग्जाम देश में सबसे बड़ा माना जाता है. इस साल भी परीक्षा में 20 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. परीक्षा शांतिपूर्ण हुई, हालांकि कुछ केंद्रों पर बायोमेट्रिक स्कैन करने में परेशानी हुई, लेकिन एनटीए की ओर से देर रात तक ये साफ कर दिया गया कि बिना बायोमेट्रिक भी सीसीटीवी से उपस्थिति मान ली जाएगी. हालांकि छात्रों की सबसे बड़ी परेशानी पेपर रहा.

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तीन दशक में फिजिक्स का ऐसा पेपर नहीं देखा

आकाश इंस्टीट्यूट, लखनऊ के निदेशक डॉ अज़ीज़ खान ने बताया कि इस बार का पेपर शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, पैरेंट्स, सबको चिंतित कर गया. कारण था फिजिक्स का पेपर. यह इतना कठिन था कि शिक्षक भी मुश्किल में पड़ सकते थे. उन्होंने कहा कि कम से कम तीन दशक से मैं खुद बच्चों को पढ़ा रहा हूँ. ऐसा पेपर कभी नहीं देखा. मेडिकल प्रवेश परीक्षा के इतिहास में इतने कठिन, घुमावदार फिजिक्स के सवाल कभी नहीं आए थे. डॉ खान कहते हैं कि इन बच्चों ने फिजिक्स में 45 सवालों का सामना किया, हर सवाल में औसतन कम से कम दो मिनट का समय चाहिए था, जबकि पूरा पेपर ही तीन घंटे का था. उसमें कुल 180 सवाल हल करने थे.

ज्यादा चुनौतीपूर्ण थे फिजिक्स के सवाल

Resilience Coaching प्रयागराज के फिजिक्स शिक्षक मीसम हैदर ने कहा कि छात्र-छात्राओं से मिली शुरुआती सूचनाओं की समीक्षा करने के बाद पता यह चला कि फिजिक्स के सवाल ज्यादा चुनौतीपूर्ण थे. छात्र इस तरह के सवाल के लिए तैयार नहीं थे. पैटर्न भी बदला हुआ था, इसलिए भी दिक्कत आई. फिजिक्स के एक अन्य शिक्षक गोपाल त्रिवेदी ने बताया कि NEET में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राएं आम तौर पर 10वीं के बाद गणित छोड़ देते हैं. फिजिक्स के सवालों में गणित का प्रभाव होता है. वे कहते हैं कि हम बच्चों को कोचिंग में एडमिशन के समय भी पूर्व अनुभवों के हिसाब से गणित की तैयारी भी करवाते हैं जिससे उन्हें फिजिक्स के सवाल हल करने में दिक्कत न लगे. पर, इस बार सब उलट-पुलट हो गया. उन्होंने बताया कि सवाल पूछने का तरीका भी घुमावदार था, बच्चों को दिक्कत इसलिए भी हुई.

10 वीं के बाद गणित नहीं पढ़ते NEET में रुचि लेने वाले छात्र

NEET देने वाले बच्चों के पास फिजिक्स की वह समझ विकसित नहीं होती, जो JEE Advanced के बच्चों में होती है. यह पेपर लगभग JEE Advance के स्तर का था, जो NEET के बच्चों के लिए वाकई कठिन था. फिजिक्स के शिक्षक मीसम बताते हैं कि पहले सवाल सूत्र आधारित आते थे. बच्चे आसानी से हल कर लेते थे. इस बार ऐसा नहीं था. ढेरों सवाल ऐसे थे जो मूल अवधारणा का परीक्षण कर रहे थे. कुछ प्रश्न बेहद लंबे थे. उन्हें हल करने को पहले सवालों की गहराई तक जाना था फिर कई स्टेप में उन्हें हल करना था. बेहद कम समय होने की वजह से अनेक बच्चे फिजिक्स के सारे सवाल अटेम्पट ही नहीं कर पाए. सामान्य दशा में फिजिक्स में यांत्रिकी, विद्युत चुम्बकत्व और आधुनिक भौतिकी जैसे टॉपिक से छोटे-छोटे सवाल पूछे जाते रहे हैं.

परिणाम पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

सभी शिक्षकों, एक्सपर्ट ने एक सुर से कहा कि इस बार कट-ऑफ नीचे चला जाएगा. NEET का पेपर 720 नंबर का होता है. पिछले साल बड़ी संख्या में पूरे-पूरे नंबर पाने वाले बच्चे सामने आए थे. हालांकि, इसमें कुछ विवाद भी हुआ था, पर इस बार पूरे नंबर पाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बेहद कम होगी और जो पाएगा, वह निश्चित तौर पर पहले भी NEET की तैयारी कर चुका होगा. आंकड़ें बताते हैं कि पिछली बार 600 से ज्यादा अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 80 हजार पार थी. आकलन यह है कि इस बार यह संख्या कहीं 15-20 हजार तक रह सकती है. जिन बच्चों का पेपर समय प्रबंधन की वजह से खराब हुआ होगा, वे संभव है कि फिर से NEET की ओर न देखें. बीते कई सालों से जनरल वालों की कटऑफ 650 जाती रही है. इस बार देखना रोचक होगा कि यह कहाँ आ कर रुकेगी.

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