India economic resilience: Moody’s ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर भारत पर अन्य देशों की तुलना में कम होगा, क्योंकि भारत कई अन्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है. बढ़ती घरेलू मांग, मजबूत बैंकिंग सिस्टम और निर्यात पर कम निर्भरता भारत को इस वैश्विक आर्थिक उठापटक से बचा सकती है. रेटिंग एजेंसी ने वर्ष 2025 के लिए भारत की ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी आंकी है, जो G-20 देशों में सबसे ज्यादा है.
सरकारी योजनाओं से मिलेगा सहारा
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा निजी खपत को बढ़ावा देने, मैन्युफैक्चरिंग क्षमता विस्तार और बुनियादी ढांचे में निवेश जैसी योजनाएं भारत को वैश्विक मांग में कमी से बचाने में मदद करेंगी. इसके अलावा, महंगाई में नरमी आने से ब्याज दरों में कटौती की संभावना भी बढ़ रही है, जिससे विकास को और गति मिल सकती है।
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पाकिस्तान से संघर्ष का नहीं होगा कोई असर
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव पर Moody’s ने कहा कि इसका ज्यादा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.भारत के प्रमुख आर्थिक केंद्र सीमा क्षेत्रों से दूर हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार सीमित है. हालांकि, अगर तनाव बढ़ा तो भारत के रक्षा खर्च में इजाफा हो सकता है, जिससे सरकार की वित्तीय स्थिति पर दबाव पड़ेगा.
कुछ क्षेत्रों पर रहेगा दबाव
Moody’s ने माना कि अमेरिका को निर्यात करने वाले कुछ क्षेत्र जैसे ऑटोमोबाइल्स पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन भारत का सेवा क्षेत्र और घरेलू मांग-आधारित अर्थव्यवस्था ऐसे झटकों को सहने में सक्षम है. स्टील और एल्युमिनियम जैसे क्षेत्रों पर अमेरिकी टैरिफ का असर जरूर होगा, लेकिन इसके बावजूद भारत की स्थिति तुलनात्मक रूप से मजबूत बनी हुई है.
3.7 ट्रिलियन डॉलर है भारत की अर्थव्यवस्था
वर्ष 2024-25 के अनुमान के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 3.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की है, जो रुपए में करीब 307 लाख करोड़ रुपये के बराबर होती है. भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक इसे 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाए. भारत की जीडीपी का प्रमुख योगदान सेवा क्षेत्र, उद्योग और कृषि से आता है, जो इसे अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत बनाता है.
