SIP निवेश के पसंदीदा ऑप्शंस में से एक बन चुका है. SIP के जरिए आप निश्चित अमाउंट हर महीने म्यूचुअल फंड्स में लगाते हैं. मार्केट लिंक्ड स्कीम होने के बावजूद इस स्कीम में उतना जोखिम नहीं होता, जितना रिस्क सीधेतौर पर स्टॉक्स में पैसा लगाने पर होता है. इसके अलावा लॉन्ग टर्म की SIP में अक्सर इतना अच्छा रिटर्न मिल जाता है जो आमतौर पर किसी सरकारी स्कीम में नहीं मिल पाता. हालांकि मार्केट लिंक्ड होने के कारण इस स्कीम में गारंटीड रिटर्न तो नहीं मिलता, लेकिन एक्सपर्ट्स लॉन्ग टर्म में इसका औसत रिटर्न 12 प्रतिशत मानते हैं. अगर आप भी SIP में निवेश करना चाहते हैं तो इससे जुड़े 5 मंत्र जरूर समझ लें. अगर आपने इन्हें समझ लिया तो आप SIP से जमकर मुनाफा कमा सकते हैं.
निवेश जितनी जल्दी, मुनाफा भी उतना बड़ा
अगर आप एसआईपी से मोटा फंड जोड़ना चाहते हैं, तो इसमें जल्द से जल्द निवेश शुरू करें. आप जितनी जल्दी निवेश करेंगे, आपको उतना लंबा समय निवेश करने का मिलेगा और आप अपने लिए उतना ही बड़ा कॉपर्स तैयार कर लेंगे. आमतौर पर युवाओं को अपनी पहली सैलरी से ही इसमें निवेश करने की सलाह दी जाती है. इस निवेश को लंबे समय तक यानी 20, 25 और 30 सालों तक जारी रखें. इससे आप अपने लिए काफी अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं. एसआईपी के जरिए करोड़पति बनना भी बड़ी बात नहीं है.
निवेश के मामले में अनुशासित रहें
अगर आप SIP में पैसा लगा रहे हैं, तो निवेश के मामले में अनुशासित रहें. हर महीने तय डेट पर रकम इन्वेस्ट करते रहें. नियमित और अनुशासित निवेश का फॉर्मूला सिर्फ एसआईपी में ही नहीं, बाकी हर तरह के निवेश में लागू होता है, तभी आप अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
एसआईपी मार्केट लिंक्ड स्कीम है, लेकिन फिर भी ये सीधेतौर पर बाजार में पैसा लगाने की तुलना में कम जोखिमभरी मानी जाती है. इसलिए एसआईपी के मामले में बाजार का मूड देखकर निवेश न करें. कुछ लोग बाजार के मंदा पड़ते ही पैसे निकालने लगते हैं, जिससे उनको नुकसान हो सकता है. ध्यान रखें कि एसआईपी में आपको रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है. यानी अगर मार्केट गिरावट में है और आपने पैसा निवेश किया तो आपको ज्यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होगी. ऐसे में मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत बना रहता है.
इनकम बढ़ने पर निवेश की रकम बढ़ाएं
एसआईपी में एक अच्छी बात ये है कि इसमें आप निवेश की जाने वाली रकम को समय के साथ बढ़ा या घटा सकते हैं. लेकिन अगर आपको वेल्थ क्रिएट करना है तो इनकम के साथ समय-समय पर इसमें निवेश की रकम को भी बढ़ाते रहें यानी आपको टाइम टू टाइम टॉप-अप लगाते रहना है. इससे आपको आगे चलकर काफी फायदा मिलेगा और आप तेजी से Corpus बना पाएंगे.
जरूरत के हिसाब से फंड का चुनाव करें