नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने फूड कमिशनर्स को देश में बनने वाले सभी मसालों के नमूने इकट्ठा करने का आदेश दिया है. सूत्रों के अनुसार, हांगकांग और सिंगापुर में खाद्य नियामकों ने भारत के दो प्रमुख मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले तत्व को लाल झंडी दिखाई है और उन्हें बजार से वापस करने के आदेश दिए हैं.
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सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर है, ‘देश के सभी फूड कमिशनर्स को अलर्ट कर दिया गया है. मसालों के नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. आदेश में कहा गया है कि तीन से चार दिनों में देश की सभी मसाला निर्माता इकाइयों से नमूने एकत्र किए जाएंगे. सिर्फ एमडीएच और एवरेस्ट ही नहीं, सभी मसाला निर्माता कंपनियों से नमूने लिए जाएंगे. लैब से लगभग 20 दिनों में रिपोर्ट आएगी.’
सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनजर, एफएसएसएआई (FSSAI) बाजार से एमडीएच और एवरेस्ट समेत सभी ब्रांड के मसालों के नमूने ले रहा है ताकि यह जांचा जा सके कि वे तय मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं.’ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) निर्यात किये जाने वाले मसालों की गुणवत्ता का नियमन नहीं करता है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाला एफएसएसएआई (FSSAI) घरेलू बाजार में बेचे जाने वाले उत्पाद की गुणवत्ता की जांच करने के लिए नियमित रूप से बाजार से मसालों के नमूने लेता है. इस बीच, भारतीय मसाला बोर्ड भारतीय ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसाला-मिश्रण उत्पादों की बिक्री पर हांगकांग और सिंगापुर में लगाए गए प्रतिबंध पर गौर कर रहा है. इन मसालों में कथित तौर पर स्वीकार्य सीमा से अधिक कीटनाशक ‘एथिलीन ऑक्साइड’ पाये जाने की बात कही गई है.