BOB MCLR: बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के ग्राहकों को झटका लगने वाला है। बैंक ने MCLR को बढ़ा दिया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के पीरियड के लिए अपनी लेंडिंग रेट्स में 5 बेसिस प्वाइंट (bps) की बढ़ोतरी कर दी हैं। यह नई दरें 12 अगस्त 2024 से प्रभावी होंगी। इस बढ़ोतरी के साथ बैंक की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोतरी होने से कर्जदारों के लिए ईएमआई (EMI) में बढ़ोतरी होगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 9 अगस्त को अपने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) की समीक्षा की है और 12 अगस्त 2024 से नई दरें लागू होंगी। बैंक की फाइलिंग के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा ने 3 महीने की एमसीएलआर को 8.45% से बढ़ाकर 8.50% कर दिया है। वहीं, 6 महीने की एमसीएलआर को 8.70% से बढ़ाकर 8.75% और बेंचमार्क 1 साल की एमसीएलआर को 8.90% से बढ़ाकर 8.95% कर दिया गया है। इसमें हर एक पीरियड के लिए 5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी है।
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एक बेसिस प्वाइंट (bp) प्रतिशत का 100वां हिस्सा होता है, जिसका मतलब है कि यह बढ़ोतरी छोटे अंतराल में बड़े प्रभाव डाल सकती है। हालांकि, बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने ओवरनाइट एमसीएलआर को 8.15% और 1 महीने के एमसीएलआर को 8.35% पर अपरिवर्तित रखा है।
एमसीएलआर, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2016 में पेश किया था, एक बेंचमार्क ब्याज दर है, जिसे बैंक अपने लेंडिंग रेट्स तय करने के लिए उपयोग करते हैं। बैंक इस दर से कम पर लोन नहीं दे सकते हैं। जब बैंक लोन दरों को तय करते हैं, तो वे एमसीएलआर का इस्तेमाल करते हैं और इसमें स्प्रेड जोड़ते हैं।
एमसीएलआर में बढ़ोतरी से उन कर्जदारों पर असर पड़ेगा जिनके लोन इस दर से जुड़े होते हैं। इस बढ़ोतरी के कारण लोन की ब्याज दरें बढ़ेंगी, जिससे ईएमआई और कुल कर्ज की लागत में बढ़ोतरी होगी। इससे कर्जदारों की डिस्पोजेबल आय में कमी आएगी और नए कर्ज लेने में परेशानी हो सकती है।