महाराष्ट्र विधान परिषद में 12 सदस्यों के मनोनयन का मामला साल 2021 से कोर्ट में अटका हुआ था, जिसपर अब फैसला आ गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले से शिवसेना यूबीटी को झटका लगा है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र विधान परिषद में 12 विधायकों की नियुक्ति रोकने दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।
महाराष्ट्र विधान परिषद में 12 विधायकों की नियुक्ति रोकने की जनहित याचिका पर गुरुवार 09 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र विधान परिषद में 12 विधायकों की नियुक्ति रोकने के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना यूबीटी द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
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महाराष्ट्र विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा कुछ लोगों को MLC मनोनीत किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा भेजी गई नामों की सिफारिश पर राज्यपाल निर्णय लेते हैं और उन्हें विधान परिषद सदस्य के लिए अनुमोदित करते हैं। लेकिन, साल 2021 में विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा 12 मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति पर देरी को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी।
इस पर हाई कोर्ट ने राज्यपाल के सचिव से जवाब मांगा था। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच शीत युद्ध भी छिड़ गया था। हालांकि एमवीए सरकार के सत्ता से जाने तक 12 विधायकों की नियुक्ति का मसला सुलझ नहीं सका था। बाद में याचिका दायर होने पर सितंबर 2022 में कोर्ट ने 12 एमएलसी की नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी।