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February 8, 2025 2:57 pm

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Mahakumbh Stampede News: क्यों वहीं स्नान करने को बेताब हैं श्रद्धालु……..’आधी रात को जहां मची भगदड़, वह जगह कितनी खास……

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Mahakumbh Stampede News: महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु उमड़ पड़े. अमृत स्नान को बेताब श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी थी कि चलना दुभर हो गया. लोगों की सांसें फुलने लगीं. महिलाएं एक-दूसरे पर गिरने लगीं. देखते ही देखते अफरा-तफरा मच गई. बैरिकेडिंग टूट गई. इसकी वजह से अचानक भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कई लोग घायल हो गए. इनका अस्पताल में इलाज हो रहा है. कुछ के मरने की भी आशंका है. हालांकि, अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. खुद सीएम योगी ने इस घटना पर लेटेस्ट अपडेट दिया है. सीएम योगी के मुताबिक, प्रयागराज में अभी 8 से 9 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं. फिहाल, सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान नहीं करने का निर्णय किया है.

सीएम योगी ने साफ कर दिया कि संगम तट पर पहुंचने की होड़ की वजह से ही यह भगदड़ मची. अब सवाल है कि आखिर वह जगह कौन सी है, जहां अमृत स्नान करने को सभी बेताब दिखे. आखिर उस जगह का क्या महत्व है, जहां सभी श्रद्धालु डुबकी लगाना चाहते हैं. दरअसल, महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का अधिक महत्व होता है. इस दिन स्नान करने को देशभर के श्रद्धालु बेताब होते हैं. माना जा रहा है कि आज 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है. बुधवार तड़के से ही मौनी अमावस्या का अमृत स्नान शुरू हो गया था.

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कहां मची भगदड़, क्यों है यह खास?

दरअसल, जिस जगह पर भगदड़ मची, उस जगह को संगम नोज कहते हैं. संगम नोज ही वह जगह थी, जहां रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मची. इसके आकार की वजह से ही इसे संगम नोज कहा जाता है. संगन नोज पर ही यमुना, गंगा और सरस्वती का मिलन होता है. यहीं पर यमुना और सरस्वदी (अदृश्य नदी) आकर गंगा में विलीन हो जाती हैं. इस वजह से यहां स्नान करना लोग अधिक पवित्र मानते हैं. यहां पर साधु-संत स्नान करते हैं. आम लोग भी इसी जगह स्नान करने को ललायित रहते हैं. बुधवार तड़के भगदड़ की वजह भी यही थी. वैसे तो प्रयागराज में कई घाटें और तट हैं, मगर लोग यहां स्नान करना सबसे अधिक पुण्य का काम मानते हैं.

जानिए संगम नोज पर क्या हुआ?

इसी संगम नोज पर स्नान करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ पहुंची थी. क्षमता से अधिक संख्या होने की वजह से अफरा-तफरी मच गई. आधी रात के बाद लगभग 2 बजे कुंभ मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकरों से गूंजते मंत्रों और श्लोकों के निरंतर उच्चारण के बीच संगम की ओर दौड़ती एम्बुलेंसों और पुलिस वाहनों के तेज सायरन की आवाजें गूंज उठीं. घायलों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में ले जाया गया. कई घायलों के रिश्तेदार भी वहां पहुंचे, साथ ही कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंचे. महाकुंभ में भगदड़ को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक हलचल बढ़ गई. पीएम मोदी ने कई बार सीएम योगी को फोन किया और स्थिति का जायजा लिया. सुबह चार बजे से ही सीएम योगी भी अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे और स्थिति पर नजर बनाए हुए थे.

144 साल बाद बना संयोग

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की कि जो लोग मां गंगा के जिस घाट के समीप हैं, वे वहीं स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने का प्रयास ना करें. उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालु प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें. बता दें कि इस साल 144 वर्षों के बाद ‘त्रिवेणी योग’ नामक एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा रहा है. सुबह आठ बजे तक आज 3 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व मंगलवार को रात आठ बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जबकि इससे पूर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी.

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