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November 22, 2024 4:59 am

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Lok Sabha Chunav Exit Poll Result 2024: क्या है गाइडलाइन; जानें देश में कब हुए थे पहली बार EXIT Poll- एग्जिट पोल की कैसे हुई शुरुआत…..

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Lok Sabha Chunav Exit Poll Result 2024: लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। अंतिम चरण 7 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश की एक लोकसभा सीट पर वोटिंग जारी है। सभी सीटों पर 4 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इससे पहले सभी की नजर एग्जिट पोल (Exit Poll) पर लगी हैं। शाम 5 बजे के बाद एग्जिट पोल के नतीजे आने लगेंगे। आखिर एग्जिट पोल क्या होते हैं और देश में पहली बार कब इन्हें कराया गया, इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।

क्या होता है एग्जिट पोल?

चुनाव के दौरान जब भी कोई मतदाता पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो सर्वे करने वाली टीम उससे पूछती है कि उसने किस उम्मीदवार और पार्टी को वोट दिया। इसके अलावा उस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने की वजह भी पूछी जाती है। अगर लोकसभा चुनाव है तो उससे प्रधानमंत्री पद के लिए उसकी पसंद पूछी जाती है। इसके अलावा भी कई सवाल पूछे जाते हैं। सर्वे करने वाली टीम अलग-अलग तरीके से सर्वे करती हैं। एग्जिट पोल के दौरान डाटा जाति के हिसाब से भी लिया जाता है। इसके बाद इस डाटा का एनालिसिस किया जाता है। यह सब डेटा कलेक्ट करने के बाद बताया जाता है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं।

कैसे हुई एग्जिट पोल की शुरुआत?

एग्जिट पोल का इतिहास काफी पुराना है। भारत ही नहीं कई अन्य देशों में चुनाव के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका से लेकर अफ्रीका और एशिया के कई देशों में पोल कराए जा चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि पहली बार एग्जिट पोल 1936 में अमेरिका में लगाए गए थे। तब जॉर्ज गैलप और क्लॉड रॉबिनसन ने न्यूयॉर्क में सर्वे किया था। तब जैसे ही लोग वोट देकर बूथ से बाहर निकले तो उनसे पूछा गया कि उन्होंने किसे वोट दिया है। इसके बाद नतीजे जारी किए गए। अधिकांश वोटर्स ने फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की नाम लिया। एग्जिट पोल में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की गई। इसके कुछ दिन बाद जब नतीजे आए तो उसमें भी फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की जीत हुई। इसके बाद 1937 में ब्रिटेन और 1938 में फ्रांस में पहले एग्जिट पोल हुए।

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भारत में पहली बार कब हुए एग्जिट पोल?

भारत में दूसरे आम चुनाव 1957 में कराए गए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने तब एक पोल कराया था। हालांकि इसे पूरी तरह से एग्जिट पोल नहीं कहा गया लेकिन भारत में पोल की शुरूआत इसे ही माना जाता है। इसके बाद 1980 में डॉ. प्रणय रॉय ने पहला एग्जिट पोल कराया। हालांकि 1996 के चुनाव एग्जिट पोल के लिहाज से काफी अहम साबित हुए। तब सर्वे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने एक सर्वे किया था। इसके प्रसारण दूरदर्शन पर भी किया गया। ये पहला मौका था जब टीवी पर एग्जिट पोल दिखाए गए। उस दौरान सर्वे के नजीते खंडित जनादेश को लेकर आए थे। चुनाव नतीजे जब आए तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन उसे बहुमत नहीं मिला। इसके बाद से देश में लगातार ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल कराए जा रहे हैं।

क्या है एग्जिट पोल के लिए गाइडलाइन?

1998 से पहले तक देश में एग्जिट पोल को लेकर कोई तय गाइडलाइन नहीं थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने रिप्रेजेन्टेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के सेक्शन 126ए के तहत एग्जिट पोल के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए। रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के मुताबिक जब तक सभी चरणों की वोटिंग खत्म नहीं हो जाती है जब तक एग्जिट पोल के नतीजे जारी नहीं किए जा सकते हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे जारी किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ 2 साल की कैद या जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है।

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