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March 10, 2025 4:24 pm

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जानें क्या कहते हैं पिछले 10 साल के आंकड़े…….’शेयर बाजार में मार्च में आएगी तेजी…..

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शेयर बाजार में पिछले 5 महीने से लगातार गिरावट जारी है। फरवरी का महीना भी काफी खराब रहा। सेंसेक्स और निफ्टी में इस महीने अब तक करीब 4 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। यह गिरावट पिछले 28 सालों का रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है। 1996 के बाद यह पहला मौका होगा, जब निफ्टी लगातार 5 महीनों तक गिरावट के साथ बंद होगा। इस सबके बीच शेयर बाजार के निवेशकों की निगाहें अब मार्च महीने पर टिकी हैं। क्या मार्च महीने में शेयर बाजार वापसी करेगा या इसमें और गिरावट जारी रहेगी? आइए जानते हैं पिछले 10 साल के आंकड़े क्या कहते हैं?

पुराने आंकड़ों की मानें तो शेयर बाजार को लगातार 5 महीनों की गिरावट के बाद मार्च में राहत मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल ने पिछले 10 सालों के सीजनल पैटर्न को लेकर एक रिपोर्ट निकाली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी इंडेक्स ने पिछले 10 साल में 7 बार मार्च महीने के दौरान पॉजिटिव रिटर्न दिया है। यानी इस महीने निवेशकों के लिए बाजार में अच्छे मौके बन सकते हैं।

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मार्च के महीने में Nifty 50 का औसत रिटर्न -0.3% रहा है। माइनस में यह रिटर्न इसलिए है क्योंकि मार्च 2020 में कोराना महामारी के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी। निफ्टी उस वक्त मार्च महीने में 23 फीसदी तक गिर गया था। अगर हम इस एक अपवाद को हटा दें तो, फिर मार्च महीने में निफ्टी का औसत रिटर्न 2.3% हो जाता है। इसका मतलब साफ है कि सामान्य परिस्थितियों में Nifty 50 आमतौर पर मार्च महीने में अच्छा प्रदर्शन करता रहा है।

हालांकि, Nifty Midcap 100 इस का प्रदर्शन इस महीने उतना खास नहीं रहा है। पिछले 10 सालों में यह इंडेक्स सिर्फ 5 बार हरे निशान में बंद हुआ, जबकि इसका औसत रिटर्न इस दौरान -0.6% रहा है। लेकिन अगर यहां भी मार्च 2020 में आई भारी गिरावट को निकाल गिया जाए, तो फिर इस इंडेक्स का औसत रिटर्न 2.7% पर पहुंच जाता है।

अगर सेक्टरोल इंडेक्स की बात करें, तो Nifty MNC Index ने मार्च के महीने में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले 10 सालों में 7 बार इस इंडेक्स ने Nifty 50 से भी अधिक रिटर्न दिया है। दूसरी ओर, Nifty CPSE Index का प्रदर्शन सबसे कमजोर साबित हुआ है और पिछले 10 में 7 बार इसने Nifty से भी खराब प्रदर्शन किया है।

ऑटो सेक्टर के लिए भी मार्च का महीना अब तक निराशाजनक रहा है। Nifty Auto Index ने पिछले 10 में से 7 बार गिरावट दर्ज की है, और इसका औसत रिटर्न इस दौरान -2.6% रहा है। अगर मार्च 2020 की भारी गिरावट को छोड़ दें, तो भी यह औसत सिर्फ 0.6% होता है। इसका मतलब यह है कि ऑटो सेक्टर में मार्च के महीने में निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है।

स्टॉक्स की बात करें तो, कुछ कंपनियां मार्च में सालों से शानदार प्रदर्शन करती आ रही हैं। नवीन फ्लोरीन इंटरनेशनल, IPCA लैबोरेटरीज, KEI इंडस्ट्रीज, नेस्ले इंडिया, SRF, पेज इंडस्ट्रीज, इंटरग्लोब एविएशन और APL अपोलो ट्यूब्स जैसी कंपनियों ने पिछले 10 वर्षों में 7 या अधिक बार मार्च में पॉजिटिव रिटर्न दिया है और उनका औसत रिटर्न 4% से अधिक रहा है।

वहीं पर दूसरी ओर HFCL, RBL बैंक, हाउसिंग अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, वोडाफोन आइडिया, अपोलो हॉस्पिटल्स, कोल इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा और भारत फोर्ज जैसी कंपनियों के शेयर पिछले 10 साल में से 7 बार मार्च महीने के दौरान लाल निशान में बंद हुआ है और इनमें औसतन इस दौरान 4 पर्सेंट से अधिक की गिरावट आई है।

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