कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सियासत में मछली मुद्दा छाया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। ममता ने कहा कि अगर वह चाहें तो वह उनके लिए कुछ पकाने को तैयार हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि वह (पीएम) उनका पकाया गया खाना खाएंगे या नहीं। ममता ने पूछा, ‘लेकिन क्या आप (जो मैं पकाऊंगी) खाएंगे?’ बैरकपुर में एक रैली में उन्होंने कहा, ‘मैंने विभिन्न राज्यों के कई अलग-अलग व्यंजन आजमाए हैं क्योंकि मैं भेदभाव में विश्वास नहीं करती हूं।’ उन्होंने मोदी के भाषणों का हवाला देते हुए कहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मछली, मांस या अंडे मत खाओ।’
पिछले महीने मोदी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करने के बाद से ही बंगाल के चुनाव अभियान में भोजन और मछली का इस्तेमाल किया जाता रहा है। उन्होंने कहा था कि इस दौरान कुछ हिंदू मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं और मछली खाते हैं।
‘बचपन से पकाती रही हूं खाना’
ममता बने कहा, ‘लोग जो चाहेंगे और जिस तरह चाहेंगे, खाएंगे। जो चाहेंगे, खाएंगे। जो शाकाहारी खाना चाहेगा, वह खाएगा। जो मांस खाना चाहेगा, वह मांस खाएगा। यह देश हम सबका है। अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग संस्कृतियां, अलग-अलग पहनावे हैं।’ उन्होंने कहा कि वह बचपन से ही खाना बनाती रही हैं।
‘200 भी पार नहीं होगा‘
इसके बाद ममता बनर्जी ने मोदी के ‘400 से ज़्यादा’ के दावों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, ‘दो सौ भी पार नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा, ‘यह स्पष्ट है कि भाजपा सत्ता में वापस नहीं आ रही है। उनके चेहरे सच्चाई को धोखा दे रहे हैं, वे अपने 400 से ज़्यादा के दावों पर चुप हो गए हैं।’
संदेशखाली का जिक्र करके ममता बनर्जी ने कहा कि वह (पीएम) अत्याचारों के बारे में झूठे दावे करके राज्य की महिलाओं के आत्म-सम्मान और गरिमा के साथ खिलवाड़ न करें। मोदी को यह ध्यान रखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल की स्थिति भाजपा शासित राज्यों जैसी नहीं है।