Credit card cash withdrawal: अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और जरूरत पड़ने पर एटीएम से कैश निकालने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले इससे जुड़े शुल्क और शर्तों को जरूर समझ लें. क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना यानी “कैश एडवांस” लेना, न केवल ब्याज दर के मामले में महंगा साबित हो सकता है बल्कि इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
कैश विदड्रॉल पर लगेगा चार्ज
क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने पर सबसे पहले जो शुल्क लागू होता है वह है कैश एडवांस फीस. यह आमतौर पर निकाली गई राशि का 2.5 फीसदी से 3 फीसदी तक होती है. हालांकि कुछ बैंकों द्वारा न्यूनतम शुल्क 250 से 500 रुपये के बीच भी तय किया जाता है. ये शुल्क हर बार निकासी पर आपके बिल में जोड़ दिया जाता है.
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ब्याज भी देना होगा
इसके अलावा, इस सुविधा पर ब्याज भी तुरंत लागू हो जाता है. जहां सामान्य क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शनों पर एक ब्याज-मुक्त अवधि (interest-free period) मिलती है, वहीं कैश निकासी पर यह सुविधा नहीं मिलती. ब्याज दरें 2.5 फीसदी से 3.5 फीसदी प्रति माह तक हो सकती हैं और यह तब तक लगती रहती हैं जब तक आप पूरा बकाया नहीं चुका देते.
लगेगा भारी भरकम लेट फीस
अगर समय पर भुगतान नहीं किया जाता तो इसके ऊपर लेट पेमेंट चार्ज भी लगता है, जो कि बकाया राशि का 15 फीसदी से 30 फीसदी तक हो सकता है. इससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है, जिससे भविष्य में लोन या अन्य क्रेडिट सुविधाएं लेने में मुश्किल हो सकती है.
कैश विड्राल पर होती है लिमिट
कैश विदड्रॉल लिमिट भी एक महत्वपूर्ण पहलू है. ज्यादातर बैंक आपको केवल सीमित प्रतिशत (जैसे HDFC बैंक में 40 फीसदी) तक ही कैश निकालने की अनुमति देते हैं, जो आपके क्रेडिट लिमिट पर आधारित होती है. इस लिए क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना केवल इमरजेंसी में स्थिति में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एक महंगा विकल्प है. यदि निकासी करनी ही पड़े तो जितनी जल्दी हो सके पूरा भुगतान कर देना चाहिए ताकि ब्याज और अन्य चार्ज से बचा जा सके.
