नई दिल्ली: इस हफ्ते में सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े पेश हुए थे. इस बार जीडीपी दर 5.4 फीसदी पर रिपोर्ट हुई है. जो पिछले 7 तिमाही में सबसे कम है. माना जा रहा था कि इस कमजोर जीडीपी आंकड़े की वजह से शेयर बाजार गिरेगा लेकिन इसके उलट इस सप्ताह में बाजार पॉजिटिव भावना के साथ तेज प्रदर्शन किया है.
इन स्मॉल कैप का प्रदर्शन अच्छा
गिरते GDP चिंता के बीच इस सप्ताह के दौरान बाजार के 89 स्मॉल कैप ऐसे थे. जिन्होंने इस सप्ताह पर इन्वेस्टर्स को डबल डिजिट में रिटर्न बना कर दिया है इनमें से 8 स्मॉलकैप शेयर ने 25 फ़ीसदी से अधिक का रिटर्न बना कर दिया है.
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इन स्मॉल कैप शेयर ने दिया सबसे अधिक रिटर्न
इस हफ्ते सबसे अधिक रिटर्न देने वाला स्मॉल कैप शेयर लिंकन फार्मा था जिसने लगभग 46% रिटर्न दिया है. इसके अलावा ईकेआई एनर्जी सर्विसेज़ शेयर ने 36%, शिवालिक रसायन शेयर ने 34% और गोल्डियम इंटरनेशनल शेयर ने 32% का मुनाफा दिया है.
इन स्मॉल कैप शेयर का जलवा
इन सब के अलावा ओम इंफ्रा, एजीआई ग्रीनपैक, एचईजी, बोरोसिल रिन्यूएबल्स, एक्सिसकैड्स टेक, जिंदल वर्ल्डवाइड सहित लगभग 11 स्मॉल कैप शेयर ने इस सप्ताह के दौरान अपने इन्वेस्टर्स को 20% से 30% के बीच में मुनाफा बना कर दिया है.
इन मिडकैप शेयर का जलवा
स्मॉल कैप के अलावा मिडकैप सेगमेंट के भी कई शेयर्स में अच्छी तेजी देखने को मिली है जिसमें आईजीएल शेयर ने 17 फीसदी, पीबी फिनटेक शेयर ने 13 फीसदी और यूको बैंक शेयर ने 12 फीसदी का मुनाफा बना कर दिया है.
सेंसेक्स में इन शेयर का अच्छा प्रदर्शन
स्मॉल कैप और मिडकैप सेगमेंट के अलावा बाजार के सेंसेक्स इंडेक्स में मौजूद टाइटन के शेयर ने 7% रिटर्न दिया है. जो इस इंडेक्स में सबसे अधिक रिटर्न देने वाला शेयर था. इसके अलावा अडानी पोर्ट्स शेयर में 6% और अल्ट्राटेक शेयर में 5.8% की तेजी देखने को मिली है.
कैसा रहेगा आने वाला कारोबारी हफ्ता
आने वाले कारोबारी हफ्ता कैसा रहेगा इस पर बाजार के एनालिस्ट कहते हैं कि फिलहाल बाजार में इन्वेस्टर मोमेंटम वाले शेयर्स को अपने पास एकम्युलेट या जमा कर रहे है. माना जा रहा है कि सरकार की तरफ से कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ेगा जिससे वित्त वर्ष 2025 के दूसरे हॉफ में इंफ्रा, कैपिटल गुड्स, रियल एस्टेट, सीमेंट और मेटल इंडस्ट्री को सपोर्ट मिल सकता है.
इसके अतिरिक्त अगले सप्ताह में मार्केट के इन्वेस्टर्स आने वाले अमेरिकी पैरोल और अमेरिकी सीपीआई इन्फ्लेशन डाटा पर अपनी पैनी नजर रखेंगे क्योंकि यह दोनों डाटा दिसंबर में होने वाली फेडरल रिजर्व मीटिंग पर अपना प्रभाव छोड़ सकती हैं. जो भारतीय बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकती है.
एक्सपर्ट की राय
मोतीलाल ओसवाल के सिद्धार्थ खेमका कहते हैं कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा कैश रिजर्व रेशों में कटौती के बाद बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी. गवर्नमेंट पॉलिसी से जुड़ी हुई पॉजिटिव खबरें और फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर फ्लो के वापस आने से उम्मीद है कि अगले सप्ताह निफ़्टी ऊपर की तरफ बढ़ते हुए नजर आयेगी.