इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना एक सालाना जिम्मेदारी है. लेकिन यह सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं होता है. ITR फाइल करने की तारीख नजदीक आ रही है. इसे फाइल करते वक्त प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट, क्रिप्टो होल्डिंग्स सबकी पूरी जानकारी देनी होती है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह आपको महंगा पड़ सकता है. सरकार 2022 में क्रिप्टो को भी टैक्स के दायरे में ला चुकी है और अगर कोई ITR फाइल करता है क्रिप्टों की जानकारी नही देता है तो जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि क्रिप्टो को ITR में दिखाने को लेकर कन्फ्यूजन रहता है. तो आइए इससे जुड़े नियमों के बारे में जानते हैं.
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डिक्लेयर करना क्यों जरूरी है?
सरकार ने 2022 में नियम बनाए थे, जिसके अनुसार इससे होने वाली इनकम पर 30 फीसदी का फ्लैट टैक्स लगता है.1 जुलाई 2022 से हर साल 50,000 रुपये (कुछ मामलों में 10,000) से ज्यादा के क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी TDS भी लगता है. अगर आप क्रिप्टो निवेश की जानकारी नहीं देते हैं, तो आपको पेनाल्टी, ब्याज और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
ITR में क्रिप्टो कैसे डिक्लेयर करें?
- आय का प्रकार तय करें
- अगर आपने क्रिप्टो बेचकर मुनाफा कमाया है, तो यह आय मानी जाएगी. यह बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन में आएगी, यह आपकी एक्टिविटी पर निर्भर करेगा.
- सही ITR फॉर्म चुनें
- अगर आपकी सैलरी के साथ क्रिप्टो से भी इनकम है, तो ITR-2 भरें. अगर आप ट्रेडिंग को बिजनेस की तरह करते हैं, तो ITR-3 फॉर्म भरना होगा.
- मुनाफा या नुकसान दिखाएं
- क्रिप्टो बेचने की कीमत और खरीद की लागत दिखाएं और नेट प्रॉफिट या लॉस निकालें. ध्यान दें क्रिप्टो का नुकसान दूसरी इनकम से सेट ऑफ नहीं हो सकता और न ही इसे कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है.
- 30 फीसदी टैक्स भरें
- क्रिप्टो से कमाई पर 30% फ्लैट टैक्स देना होता है, साथ में सेस और सरचार्ज भी लग सकता है. इसमें कोई बेसिक छूट नहीं मिलती.
- TDS रिपोर्ट करें
- Form 26AS या एक्सचेंज के स्टेटमेंट में यह जरूर चेक करें कि 1फीसदी TDS सही से दिख रहा है या नहीं.
