कोटा। शत प्रतिशत ट्रेनों का कोटा रेल मंडल में संचालन हाई वोल्टेज के विधुत के तारों के माध्यम से होता है। इनमें 25000 वोल्ट का विधुत प्रवाह (करंट) बिजली के तारों में होता है, जिनमें 24 घंटे निरन्तर विधुत प्रवाह (करंट) चालू रहता है। यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारों में उलझ जाये तो करंट इस मांझे के गीले, मेटेलिक अथवा अन्य कारणों से सीधे पतंग उड़ाने वाले तक पहुंच कर खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है। पूर्व में भारतीय रेल के तारों में पतंगबाजी के कारण इस तरह की कई घटनाये घटित हो चुकी है।
मकर संक्राति के दौरान रेल प्रशासन सभी आमजनो को सजग करते हुए निवेदन करता है कि रेल लाइन के आस-पास पतंगबाजी से परहेज करें, ताकि किसी अनहोनी/जनहानि से बचा जा सकें। साथ ही पतंग व इसके मांझे के बिजली के तारों में उलझने से रेल संचालन में रूकावट व यात्री सेवा में होने वाली देरी से बचा जा सकें।

Author: Sanjeevni Today
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