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November 14, 2025 4:51 pm

सड़क तक लाइन, IT सेक्टर में जॉब क्राइसिस! पुणे में जूनियर डिवेलपर की नौकरी, इंटरव्यू में पहुंचे 3000 इंजीनियर……

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है और भारत में नई बहस छेड़ दी है। यह वीडियो आईटी सेक्टर में प्रतिस्पर्धी जॉब मार्केट पर प्रकाश डालता है। इस फुटेज में 3000 से अधिक इंजीनियर लाइन में खड़े हैं। ये वे इंजीनियर थे जो नौकरी के लिए वॉक-इन इंटरव्यू के लिए पुणे स्थित एक कंपनी के बाहर लंबी कतार में खड़े थे।मगरपट्टा में आयोजित इस कार्यक्रम में जूनियर डिवेलपर पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की भीड़ उमड़ी थी।

हर एक युवक के हाथ में बायोडेटा और अन्य शैक्षिक दस्तावेजों की फाइलें थीं। 100 पदों के लिए पहुंचे 3000 इंजीनियरबताया जा रहा है कि इस कंपनी ने 100 जूनियर डिवेलपर की नौकरियां निकाली थीं। नौकरी के लिए भर्ती वॉक इन इंटरव्यू से होना था। भर्ती के लिए जो तारीख दी गई थी। उस दिन भीड़ उमड़ पड़ी। लंबी लाइन को देखकर लोग रुके और पूछा। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खूब मजे लिए।एक यूजर ने लिखा, ‘पुणे के वीडियो में 3,000 से अधिक इंजीनियर वॉक-इन इंटरव्यू के लिए कतार में खड़े दिखाई दे रहे हैं, जो आईटी जॉब मार्केट में कड़ी प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।’ इस पर किसी ने लिखा कि ऐसा लग रहा है भंडारा हो रहा है।

पिंपल्स या फिर दाग-धब्बे……..’कुछ लोगों के चेहरे पर अक्सर निकलते हैं!

लोगों ने आईटी सेक्टर में नौकरियों को लेकर चिंता भी जाहिर की। पुणे के आईटी जॉब मार्केट में भारी कॉम्प्टीशनआईटी प्रतिभाओं के लिए एक संपन्न केंद्र के रूप में पुणे की प्रतिष्ठा के बावजूद, भर्ती अभियान के लिए भारी संख्या में लोगों का आना युवा प्रफेशनल्स के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करता है। नए स्नातक और अनुभवी नौकरी चाहने वाले दोनों ही सीमित पदों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो भारतीय नौकरी बाजार के भीतर व्यापक मुद्दों को दर्शाता है। भारी प्रतिक्रिया ने स्किल गैप, ऑटोमेशन के इंपैक्ट और देश में नौकरी बाजार विविधीकरण की तत्काल आवश्यकता के बारे में भी चिंताएं पैदा की हैं।विशेषज्ञ बताते हैं कि शैक्षिक पाठ्यक्रम और उद्योग की मांगों के बीच बेमेल के कारण कई उम्मीदवार उभरते नौकरी बाजार के लिए कम तैयार रह जाते हैं।

इसके अतिरिक्त, ऑटोमेशन ने पारंपरिक भूमिकाओं को फिर से आकार देना शुरू कर दिया है, जिससे कुछ क्षेत्रों में अवसर कम हो रहे हैं जबकि अपस्किलिंग की आवश्यकता बढ़ रही है। सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएंवायरल वीडियो ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के बीच हास्य, निराशा और चिंतन का मिश्रण पैदा किया। एक उपयोगकर्ता ने व्यंग्यात्मक रूप से टिप्पणी की, ‘एक आईटी कंपनी के एनालॉग तरीके से सीवी एकत्र करना विडंबना की पराकाष्ठा है।’ दूसरे ने बताया, ‘अगर आपको लगता है कि यह कतार खराब है, तो किसी कनाडाई किराना स्टोर में नौकरी के लिए आवेदन करने का प्रयास करें, उनकी लाइनें इससे भी लंबी हैं।’ लोगों ने जताई चिंताकुछ उपयोगकर्ताओं ने पर्सनल एक्सपीरिएंस और ऑब्जर्वेशन शेयर किए।
एक ने टिप्पणी की, ‘जब मैं 2015 में पुणे में एक साक्षात्कार के लिए गया था, तो सीटीएस के साथ भी यही स्थिति थी।’ दूसरे ने कहा, ‘शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी का बढ़ता स्तर एक गंभीर मुद्दा है। माता-पिता बिना किसी वास्तविक नौकरी की संभावनाओं के शिक्षा पर अनावश्यक रूप से पैसा खर्च कर रहे हैं।’व्यापक संदर्भ में, अक्टूबर में इसी तरह की चिंताएं तब जताई गई थीं, जब कनाडा में वेटर और सर्विस स्टाफ के पदों के लिए हजारों भारतीयों की कतार लगी हुई थी, जिससे रोजगार संघर्ष और प्रवासन प्रवृत्तियों के बारे में चर्चाएं शुरू हो गई थीं।
भारत के जॉब मार्केट के लिए सबक और अंतर्दृष्टियह घटना भारत के आईटी उद्योग के भीतर बढ़ती चुनौतियों की याद दिलाती है। विश्लेषकों का सुझाव है कि शिक्षा और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच बेहतर संरेखण, कौशल प्रशिक्षण में अधिक निवेश और पारंपरिक आईटी भूमिकाओं से परे विविध रोजगार अवसरों के निर्माण सहित प्रणालीगत परिवर्तनों की आवश्यकता है।जबकि वीडियो ने तीव्र प्रतिस्पर्धा की गंभीर वास्तविकता को उजागर किया है, यह भारत के कार्यबल के लचीलेपन और दृढ़ संकल्प पर भी प्रकाश डालता है। इन इंजीनियरों के सामने आने वाली चुनौतियां तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था में रोजगार के बारे में व्यापक चिंताओं को दर्शाती हैं।
DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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