Jaipur News: विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में भावुक होकर कहा कि आसन के पास आने की अवहेलना करने वाला कोई भी सदस्य स्वतः निलंबित हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सदन की परंपरा और मर्यादा बनी रहनी चाहिए. इस पूरे मामले को सदन को अधिकृत किया गया है और अब इस पर चर्चा करने की आवश्यकता है. बातचीत का आधार यह होना चाहिए कि कैसे सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखी जा सकती है और कैसे सदस्यों के बीच समाधान निकाला जा सकता है. इसके लिए सभी सदस्यों को एक साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए और एक समाधान निकालना चाहिए जो सदन की गरिमा को बनाए रखे.
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन में भावुक होकर कहा कि उन्हें इस पद पर बैठकर अपमान सहना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा के इतिहास में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई. देवनानी ने आगे कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बयान से सदन की मर्यादा तार-तार हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि निलंबन के बावजूद सदस्यों को सदन में बुलाया गया, जो अनुचित था.
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन में भावुक होकर कहा कि उन्होंने कभी भी पक्षपात नहीं किया. उन्होंने कहा कि आसन के लिए उपयोग किए जा रहे शब्दों से उन्हें पीड़ा होती है. देवनानी ने कहा कि यह सदन तय करे कि ऐसे शब्दों के लिए माफी मांगना उचित होगा या नहीं. इस दौरान वे फफक पड़े और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े.
विधानसभा अध्यक्ष के भावुक होने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उनके चेंबर में मिलने पहुंचे. इस दौरान डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह और विधायक श्री चंद्र कृपलानी और राम स्वरूप लांबा भी मौजूद थे. यह मुलाकात विधानसभा अध्यक्ष के भावुक होने के कारण हुई, जो सदन में हुए घटनाक्रम के बाद हुआ था.
कांग्रेस के 6 विधायकों के निलंबन के बाद सदन में जमकर चर्चा हुई. इस दौरान अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था है, लेकिन सन 1952 से लेकर आज तक ऐसी घटना नहीं घटी. उन्होंने आगे कहा कि करने के दौरान भी ऐसी बात मैं सदन में नहीं सुनी. एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने जो बोला उसे गरिमा तारतार हुई. यह घटना राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के निलंबन के बाद हुई, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में धरना दिया.
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने एक नई व्यवस्था दी है, जिसमें प्रस्ताव के बाद निलंबित सदस्यों को सदन से बाहर चले जाने का निर्देश दिया गया है. यह निर्णय कल के सदन में हुए घटनाक्रम के बाद लिया गया है, जिसमें एक शर्मसार करने वाला विषय उठाया गया था. अध्यक्ष ने कहा कि कल पहले डोटासरा को बोलना था, उसके बाद मंत्री भी बोलने वाले थे, लेकिन घटनाक्रम ने एक अलग मोड़ ले लिया. इसके अलावा, अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आसन के पास आने की अवहेलना करने वाला कोई भी सदस्य स्वतः निलंबित हो जाएगा.
