Jaipur News: विजय दशमी पर आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों में हो रहे हिंदु अत्याचार का मामला उठाया है. संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि विदेशों, खासकर पड़ोसी देशों में रहने वाले हिंदुओं की रक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए. जोशी ने कहा कि अपनी भाषा, अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए, लेकिन भारतीय जाने अनजाने में अंग्रेजी के गुलाम हो गए हैं. उन्होंने आह्वान किया कि विजयदशमी पर लोग पुतला जलाने के बजाय अपने आसपास और मन की बुराई रूपी रावण को खत्म करें.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी जयपुर प्रवास हैं. संघ के विजयदशमी उत्सव में मुख्यवक्ता के रूप में संबोधन कर रहे हैं. झोटवाड़ा में संघ के विजयदशमी उत्सव में भैयाजी जोशी ने विदेश में हिंदुओं की प्रताड़ना और उनकी सुरक्षा का मुद्दा उठाया. उन्होंने बांग्लादेश और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि पड़ोसी देशों में रहने वाले हिंदुओं की रक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए. भारत में बैठे हिंदू उनकी सहायता के लिए सीधे कुछ नहीं कर सकते, लेकिन सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.
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जोशी ने चिंता जाहिर की कि देश में आज नागरिक कर्तव्यों में कमी आई है. स्वच्छता के लिए प्रधानमंत्री को कहना पड़ता है कि भारत का एक-एक व्यक्ति या निर्णय करेगा तो देश साफ हो जाएगा और इसके लिए कई विज्ञापन लगाने पड़ रहे हैं. घर से बाहर निकलते ही सार्वजनिक जीवन में आते ही अनुशासन का पालन क्यों नहीं करते हैं. शासन की ओर से दिए गए नियमों का पालन करना चाहिए. लोकतंत्र में अपनी सरकार चुनने के लिए मतदान जरूरी है, लेकिन 100 प्रतिशत मतदान कहीं नहीं होता, क्यों नहीं होता है ? भैयाजी जोशी ने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पैरा ओलम्पिक मेडल विजेता मोना अग्रवाल को सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की लिखी पुस्तक यशस्वी भारत भेंट की.
पैरालंपिक मेडल विजेता मोना अग्रवाल ने कहा पहली बार संघ के किसी कार्यक्रम में उपस्थित हुई हूं. संघ व्यक्ति के शारीरिक मानसिक बौद्धिक विकास के लिए काम कर रहा है. हर उम्र और हर तजुर्बे का इंसान एक जुट होकर एक समान मिलकर काम कर रहे हैं. संघ के स्वयंसेवकों की यह एकता समाज घर परिवार में भी संगठित होने की भी सीख दे रही है.
जोशी ने कहा कि पिछले 9 दिन से देश में दुर्गा पूजा का वातावरण है. यह पर्व शक्ति की आराधना का पर्व है. दुर्गा मां शस्त्र लेकर खड़ी है, सभी देवी देवताओं के हाथों में शास्त्र रहते हैं शास्त्र भी है और आशीर्वाद देने के लिए एक हाथ भी है. शास्त्र आसुरी शक्तियों को संकेत देता है, आशीर्वाद देने वाला हाथ सामान्य जन में विश्वास पैदा करता है. रक्षा के लिए शस्त्र उठाना है आक्रमण के लिए नहीं. शास्त्र हाथ में लेकर संयम रखना आसान नहीं है. समाज में आज भी आसुरी शक्तियां सक्रिय और विद्यमान है.
कार्यक्रम के दौरान आरएसएस स्वयंसेवकों ने शारीरिक व्यायाम का प्रदर्शन भी किया. पथ संचलन के दौरान विभिन्न मोहल्ला विकास समितियों और सामाजिक संगठनों की ओर से स्वयंसेवकों के पथ संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया. इससे पहले स्वयंसेवकों ने वर्ष भर चलने वाले शारीरिक कार्यक्रम दंड, योग, सूर्य नमस्कार, नियुद्ध और घोष का प्रदर्शन भी किया.