जयपुर. राजस्थान में कोरोना संक्रमण से राहत मिली ही है कि इस वर्ष डेंगू के डंक ने सभी को परेशान कर दिया. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में डेंगू के मरीज तेजी से बढ़ रहे है. इसके अलावा मौसमी बीमारियों में मलेरिया, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस के मरीज भी बढ़े है. लेकिन चिकित्सा विभाग अभी भी नींद में है. विभाग बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता के अलावा कोई कदम नहीं उठा रहा. जिसका नतीजा है कि इस वर्ष मौसमी बीमारियों के मरीज 30 फीसदी अधिक आ रहे है. जिनमे अधिकांश मरीज डेंगू के है.
राजस्थान में मानसून के लंबे दौर के बाद अब डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है. वहीं स्वाइन फ्लू ने पैर पसारने शुरू कर दिये हैं. इनके साथ ही मलेरिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अधिक संख्या में प्रदेश में इस बार डेंगू के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे है. राजस्थान में इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 27 सितंबर तक 3581 डेंगू के मरीज दर्ज किये जा चुके है. वहीं इस वर्ष प्रदेश में मलेरिया और डेंगू के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे है. जिसको लेकर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
चिकित्सकों के अनुसार हाल ही बारिश का एक दौर पूरा हुआ है और सामान्यत: बारिश ठहरने के अगले एक से दो सप्ताह के दौरान डेंगू का डंक बढ़ने की आशंका रहती है. ऐसे में अब अगले 15 दिन इस बीमारी के लिहाज से चिंताजनक हो सकते हैं.
12 दिन में दोगुने हुए मरीज
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बीते 2 वर्षो से डेंगू के मरीज, मलेरिया की तुलना में तेजी से बढ़े है. इस वर्ष बीते 12 दिनों में डेंगू के मरीज दोगुने हो गए है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वर्ष 15 सितंबर तकएक हजार 868 पॉजिटिव केस मिले और चार लोगों की मौत हुई. जो 27 सितंबर तक बढ़कर 3 हजार 581 हो गई है. जयपुर में 15 सितंबर तक532 मामले आए थे. जो अब बढ़कर 1201 हो गए है. जबकि जयपुर में बीते वर्ष अब तक 1 हजार मरीज देखे गए थे . इसी तरह दौसा, करोली, बाड़मेर, झुंझुनू सहित सभी जिलों में मरीज तेजी से बढ़ रहे है. चिकित्सकों के अनुसार इस बार अधिक बारिश होने के कारण डेंगू का खतरा भी अधिक है. इसलिए सतर्क रहना बेहद जरुरी है.
एक मच्छर 50 घरों में फैला सकता है डेंगू
बारिश थमने के साथ ही ठहरे पानी मे डेंगू मच्छर के लार्वा पनपते है और यही वजह है कि इस वर्ष भी बारिश थमने के साथ ही डेंगू के मरीज अचानक बढ़ गए. एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर रमन शर्मा ने बताया कि डेंगू एक मौसमी वायरल डिजीज है. जो मच्छर के काटने पर होती है. एक मच्छर आसपास के 50 घरों में डेंगू बीमारी फैला सकता है. इन दिनों अस्पतालों में डेंगू के सबसे अधिक मरीज आ रहे है. जिनमे अधिकांश मरीज सीरियस स्थिति में अस्पताल पंहुच रहे है. लेकिन 60 से 70 फीसदी डेंगू के मरीज बिना लक्षणों वाले है जिनके हल्का खांसी जुखाम होकर ठीक हो जाते है.
डेंगू के लक्षण
डेंगू बीमारी एक वायरल डिजीज है जिसके लक्षण एक आम वायरल बुखार की तरह होते है. डॉ रमन शर्मा ने बताया कि डेंगू होने पर दो से तीन दिन तेज बुखार रहता है. शरीर पर लाल चखते, तेज सिरदर्द, हाथ पैरों में दर्द, चेहरे पर लालिमा छाना जैसे लक्षण आते है. लेकिन मरीज को सतर्क रहना चाहिए घबराना नहीं चाहिए ताकि जल्दी ठीक हो सके.
डेंगू होने पर क्या करें
डॉ रमन शर्मा ने बताया कि डेंगू के लक्षण दिखते ही मरीज को अधिक से अधिक लिक्विड ले. ओआरएस घोल बनाकर पीएं. साथ ही बुखार होने पर पैरासिटामोल ले. यदि सेहत में सुधार नहीं होता है तो नजदीकी डॉक्टर से सम्पर्क करके इलाज शुरू करें. इसके अलावा डेंगू मच्छरों से बचाव करें. जैसे शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहने, मच्छर पनपने नहीं दे.
मलेरिया के मरीजों में हुई बढ़ोतरी
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस साल अब तक मलेरिया के कुल 505 पॉजिटिव केस मिले हैं. इनमें 200 केस महज 12 दिनों में ही सामने आए हैं. बीते वर्ष मलेरिया के 796 मरीज दर्ज हुई. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले जैसलमेर में आए हैं. जैसलमेर में इस साल मलेरिया के 111 मामले आ चुके हैं. इसके अलावा उदयपुर में 74, बाड़मेर में 64, राजसमंद में 27, पाली में 35 और अलवर में 26 केस आ चुके हैं. वहीं जयपुर में 8 मरीज आए है. इनके साथ ही अब तक चिकनगुनिया के 140 केस मिल चुके हैं.
स्वाइन फ्लू और स्क्रब टाइफस के बढ़े मरीज
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार स्वाइन फ्लू के मामलों में भी इजाफा हुआ है. स्वाइन फ्लू के बीते 15 दिनों में 105 पॉजिटिव केस दर्ज हुए है. इस साल 26 सितंबर तक स्वाइन फ्लू के कुल 323 पॉजिटिव केस आने के साथ ही कुल 11 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है. राजधानी जयपुर में स्वाइन फ्लू के 183 पॉजिटिव केस आने के साथ ही 4 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं स्क्रब टाइफस के मरीजो का रिकॉर्ड इस वर्ष टूट रहा है. प्रदेश में इस वर्ष 26 सितंबर तक स्क्रब टायफस के 1268 मरीज सामने आए हैं. वहीं 13 मरीजों की मौत हो चुकी है स्क्रब टायफस के सबसे अधिक मरीज उदयपुर में 254, जयपुर में 247, अलवर में 100 मरीज मिले है.