राजस्थान में जमीनों की सरकारी कीमतें यानी डीएलसी दरें बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर जयपुर में आज डिस्ट्रिक लेवल कमेटी (डीएलसी) की बैठक हुई, जिसमें 15 फीसदी तक दरें बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसके साथ ही सर्वाधिक दरें उन जगहों की बढ़ाने का निर्णय किया.
डीआईजी स्टाम्प जयपुर अयूब खान ने बताया- सरकार के वित्त विभाग से जो आदेश आए हैं, उनकी पालना रिपोर्ट में आज ये बैठक हुई है। बैठक में निर्णय किया गया कि जिन स्थानों पर पिछले कुछ साल में ट्रांजैक्शन बढ़ा है, वहां दरों को बढ़ाया जाए। इसके अलावा जिन एरिया में डीएलसी रेट बाजार की दरों से बहुत कम है, वहां भी डीएलसी रेट को बढ़ाने का प्रस्ताव है। ये बढ़ोतरी 10 से लेकर 15 फीसदी तक किए जाने की सिफारिश की जाएगी।
दरअसल, वित्त विभाग ने आदेश जारी करके सभी जिलों के कलेक्टर्स को 30 जून तक डीएलसी दरों की बढ़ोतरी के प्रस्ताव तैयार करके भिजवाने के लिए कहा है। ताकि उन पर विचार-विमर्श और परीक्षण करके एक अगस्त से बढ़ाने की तैयारी कर सकें।
राउंड ऑफ में की जाएगी दरें
डीआईजी स्टाम्प ने बताया- जिन स्थानों पर डीएलसी दरें 100 के गुणांक में नहीं हैं। आगे-पीछे हैं, उनको राउंड ऑफ किया जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि किसी जगह डीएलसी दर 12 हजार 300 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। वहां 15 फीसदी बढ़ाने के बाद दर 14,145 रुपए प्रति वर्ग मीटर होती है। उन्हें राउंड ऑफ में या तो 14 हजार 100 रुपए किया जाएगा या 14,200 रुपए।
ग्रामीण इलाकों में अधिक बढ़ेंगी कीमतें
बैठक में शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण एरिया में कीमतें बढ़ाने की सिफारिश की गई। क्योंकि अभी भी कई राजस्व ग्राम और पंचायतें ऐसी हैं जहां डीएलसी दरें बाजार कीमतों से बहुत कम हैं। इस कारण वहां बड़े ट्रांजैक्शन में न तो सरकार को रेवेन्यू मिल रहा है और न ही अवाप्ति के बाद काश्तकारों को पर्याप्त मुआवजा मिल रहा है। ऐसे में इन जगहों पर कीमतों में अधिक से अधिक इजाफा किया जाएगा।
रजिस्ट्री पर ऐसे लगता है चार्ज
वर्तमान में पुरुषों के नाम पर संपत्ति खरीदने पर 8.8 प्रतिशत की दर से रजिस्ट्री शुल्क लगता है। इसमें 6 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है। कुल स्टाम्प ड्यूटी पर 30 प्रतिशत का अलग से सरचार्ज और अन्य चार्ज लगता है। इस तरह कुल मिलाकर रजिस्ट्री पर 8.8 प्रतिशत की दर लगती है।
इसी तरह महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने पर करीब 7.5 प्रतिशत की दर लगती है। इसमें 5 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है। वहीं, स्टाम्प ड्यूटी पर 30 प्रतिशत सरचार्ज शामिल होता है।
क्या होता है डीएलसी रेट
सरकार जमीन की एक बाजार कीमत निर्धारित करती है। इसे जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय समिति निर्धारित करती है। इसे डीएलसी दर कहते हैं। इसी दर पर अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है। सरकार जमीनों का आवंटन भी करती है। हालांकि शहरी इलाकों में नगरीय निकाय (नगर पालिकाएं, हाउसिंग बोर्ड, यूआईटी, विकास प्राधिकरण) अपने एरिया में आरक्षित दर पर जमीनों का आवंटन करते हैं। आरक्षित दरों में विकास शुल्क भी शामिल होता है।