Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने 6 पूर्व जिलों के कलेक्टरों को एपीओ (Awaiting Posting Order) कर दिया है. यह फैसला राज्य के 9 नए जिलों और 3 संभागों की मान्यता रद्द किए जाने के एक महीने बाद लिया गया है. यह कदम भजनलाल शर्मा सरकार के प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है.
कैसे पहुंचा मामला यहां तक?
पिछली गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में 9 नए जिलों की घोषणा की थी. हालांकि, सत्ता में आई भजनलाल शर्मा सरकार ने इस निर्णय को राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम बताते हुए इसकी समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया. समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन जिलों की आवश्यकता पर सवाल खड़े किए. इसके बाद, कैबिनेट ने इन जिलों और संभागों की मान्यता समाप्त करने का फैसला किया.
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कौन-कौन से जिले और अधिकारी प्रभावित हुए?
शाहपुरा, सांचौर, नीमकाथाना, केकड़ी, अनूपगढ़ और गंगापुरसिटी के पूर्व जिलों के कलेक्टरों को एपीओ कर दिया गया है. इन अधिकारियों में शाहपुरा के राजेंद्र सिंह शेखावत, सांचौर के शक्ति सिंह राठौड़, नीमकाथाना के शरद मेहरा, गंगापुरसिटी के गौरव सैनी, केकड़ी की श्वेता चौहान और अनूपगढ़ के अवधेश मीणा शामिल हैं.
आगे क्या?
इन अधिकारियों को अब आगामी प्रशासनिक फेरबदल में नई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. सरकार के इस कदम को प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और राजनीतिक संतुलन साधने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. यह फैसला राज्य के प्रशासनिक ढांचे को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
