पर्सनल लोन की री-फाइनेंसिंग ऐसे फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी है, जो आपको पैसे बचाने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, यह मंथली पेमेंट्स को कम करने, जरूरतों के हिसाब से लोन को एडजस्ट करने आदि में भी मददगार है। हम आपको यहां पर्सनल लोन की रीफाइनेंसिंग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह कैसे काम करता है?
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लोन री-फाइनेंसिंग क्या है?
पर्सनल लोन की रीफाइनेंसिंग का मतलब मौजूदा लोन को नए लोन से बदलना है। नया लोन आम तौर पर नई शर्तों के साथ अलग बैंक या संस्था से लिया जाता है। नए लोन से पुराने का भुगतान कर दिया जाता है और आप नई शर्तों के साथ रीफाइनेंस वाले लोन का भुगतान शुरू कर देते हैं। आम तौर पर बॉरोअर्स बेहतर ब्याज दर, रीपेमेंट की अवधि में बदलाव या वित्तीय बोझ को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए यह विकल्प चुनते हैं।
री-फाइनेंसिंग कैसे काम करता है?
री-फाइनिसंग एक पर्सनल लोन है, जो आपके फाइनेंस को ऑप्टिमाइज करने का मजबूत टूल है। हालांकि, इसमें शर्तों और खर्च आदि पर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है। अपने मौजूदा लोन का आकलन करें, रीफाइनेंसिंग के विकल्पों पर शोध करें और फैसला लेने से पहले संभावित बचत का गणना करें। सही रणनीति के साथ री-फाइनेसिंग वित्तीय सहूलियत हासिल करने में आपकी मदद करती हैं। कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेना न भूलें।
बेहतर ऑफर की तलाश करें
रिसर्च लेंडर्स री-फाइनेंसिंग के विकल्पों के बारे में बताते हैं। उनके ब्याज दरों की तुलना करके पता लगाएं कि आपके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर है। प्रमोशन ऑफरों की तलाश करें, जिनमें रेट या प्रोसेसिंग फीस कम रह सकती है।
नए लोन के लिए अप्लाई करें
नया लेंडर चुनने के बाद री-फाइनेंसिंग के लिए अपना ऐप्लिकेशन पेश करें। इसमें आम तौर पर आपको अपने मौजूदा लोन डिटेल्स, इनकम दस्तावेज, क्रेडिट हिस्ट्री, पहचान आदि की जानकारी देनी पड़ती है।
मंजूरी और लोन मिलना
अगर ऐप्लिकेशन को मंजूरी मिल जाती है, तो नया लेंडर आपके मौजूदा लोन का सीधे तौर पर भुगतान कर देता है या पुराने लोन को सेटल करने के लिए फंड देता है। इसके बाद मौजूदा शर्तों के मुताबिक नए लोन का भुगतान शुरू करते हैं।
अपने मौजूदा लोन को सेटल करें
यह सुनिश्चित करें कि आपका पुराना लोन एकाउंट बंद कर दिया गया है। अपने पिछले लेंडर से क्लोजर सर्टिफिकेट लेना नहीं भूलें। इससे दस्तावेज से इस हात की पुष्टि होती है कि सभी बकाया राशि का भुगतान हो चुका है।
री-फाइनेंसिंग से पहले इन बातों का रखें ध्यान
प्रोसेसिंग फीस और पेनाल्टी
लेंडर्स नए लोन पर प्रोसेसिंग फीस चार्ज कर सकते हैं और हो सकता है कि आपके मौजूदा लोन में शायद प्री-पेमेंट पेनाल्टी का भी प्रावधान हो। कृपया यह सुनिश्चित करें कि री-फाइनेंसिंग से होने वाली बचत इन लागतों पर भारी न पड़े।
क्रेडिट स्कोर इंपैक्ट
री-फाइनेसिंग रिजल्ट के लिए अप्लाई करन के बाद आपकी क्रेडिट रिपोर्ट की सख्त जांच-पड़ताल हो सकती है। यह सुनिश्चित करें कि आपका क्रेडिट स्कोर इन शर्तों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो।
कुल लोन कॉस्ट
री-फाइेंसिंग में ईएमआई की घटी हुई कॉस्ट भले ही आकर्षक लगे, लेकिन अवधि में बढ़ोतरी कभी-कभी लोन की कुल लागत बढ़ा देती है। लिहाजा, इन पहलुओं पर भी गौर करना जरूरी है।