अमेरिकी दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी Cognizant की सहायक कंपनी ट्राइजेटो ने टेक्सास के एक कोर्ट में भारतीय आईटी दिग्गज इंफोसिस के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. अमेरिकी कंपनी ने भारत की आईटी कंपनी पर हेल्थ इंश्योरेंस सॉफ्टवेयर से संबंधित व्यापार रहस्यों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी कंपनी का दावा है कि इंफोसिस ने कम्पटेटिव प्रोडक्ट्स डेवलप करने के लिए कॉग्निजेंट के डेटाबेस तक अवैध रूप से पहुंच बनाई है.
अमेरिकी दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी Cognizant ने इसे लेकर अधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इंफोसिस ने आरोपों का पुरजोर खंडन किया है. इंफोसिस ने कहा कि हमें मुकदमे के बारे में जानकारी है. हम इन आरोपों से इनकार करते हैं और कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे.
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Cognizant ने क्या लगाया आरोप
कॉग्निजेंट का सॉफ्टवेयर ट्राइजेट्टो द्वारा विकसित किया गया है. इसमें फेसेट्स और क्यूएनएक्सटी प्लेटफार्म शामिल हैं, जिनका उपयोग स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए किया जाता है. मुकदमे के मुताबिक, इंफोसिस पर आरोप है कि कंपनी ने ट्राइजेट्टो के सॉफ्टवेयर का दुरुपयोग कर ‘टेस्ट केसेज फॉर फेसेट्स’ नामक एक कम्पटेटिव प्रोडक्ट बनाया. इसमें ट्राइजेट्टो के डाटा का फिर से इस्तेमाल किया गया.
अब कोर्ट से क्या मांग कर रही अमेरिकी कंपनी?
अमेरिकी कंपनी ने इसके अलावा, मुकदमे में इंफोसिस पर क्यूएनएक्सटी से गोपनीय जानकारी और व्यापार रहस्य डाटा निकालने के लिए सॉफ्टवेयर विकति करने का आरोप लगाया है. अब कॉग्निजेंट आर्थिक नुकसान की भरपाई और इंफोसिस को अपनी गोपनीय डेटा का और अधिक दोहन करने से रोकने के लिए एक्शन लेने की मांग कर रही है. यह कानूनी कार्रवाई दोनों कंपनियों के बीच बढ़ते तनाव के दौर के बाद की गई है.
इंफोसिस और कॉग्निजेंट के बीच पुराना है विवाद
गौर करने वाली बात है कि एक सप्ताह पहले कॉग्निजेंट ने इंफोसिस के पूर्व कार्यकारी राजेश वारियर को अपना नया CMD बनाया था. कॉग्निजेंट के मौजूदा CEO रवि कुमार की भी इंफोसिस में गहरी पैठ है. कम्पटीशन को और बढ़ाते हुए इंफोसिस ने आठ महीने पहले हुए विवाद में कॉग्निजेंट पर कर्मचारियों को गलत तरीके से अपने साथ जोड़ने का आरोप लगाया था.