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May 18, 2025 6:39 am

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सरकार ने की ये तैयारी……’ये गलती की तो सीधा सस्पेंड हो सकता है ड्राइविंग लाइसेंस……

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अब खराब तरीके गाड़ी चलाने पर आपका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर लगाम लगाने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस (DL) पर निगेटिव मार्किंग सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है. नए सिस्टम में सिग्नल जंप करने और तेज गति से गाड़ी चलाने जैसे उल्लंघनों के लिए अपराधियों की निगरानी होगी और अगर किसी ड्राइवर ने पर्याप्त निगेटिव मार्किंग हासिल कर ली तो डीएल को सस्पेंड किया जा सकता है.

अधिकारियों ने दुर्घटनाओं और यातायात उल्लंघनों को कम करने के लिए कई तरीके आजमाए हैं, जिनमें भारी जुर्माना और दंड शामिल हैं. हालांकि, वे कारगर साबित नहीं हुए हैं और भारत में हर साल 1.7 लाख से ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं. रिपोर्टों के अनुसार, अधिकारियों ने फैसला किया है कि कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है और इसलिए पॉइंट सिस्टम की जरूरत है. इसे उल्लंघनों के लिए दंड के साथ पेश किया जाएगा.

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इन देशों में पहले से ये सिस्टम

मंत्रालय ने डीएल सिस्टम में सुधार के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान इस आइडिया को शेयर किया और अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया, यूके, जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस और कनाडा जैसे देशों का हवाला दिया, जहां ये सिस्टम है. अधिकारियों का कहना है कि अगले दो महीनों में जब कानून में संशोधन किए जाएंगे, तब नए नंबर सिस्टम को लाया जाएगा. अच्छी खबर यह है कि अच्छी ड्राइव के लिए अंक दिए जाएंगे और खराब ड्राइव के लिए अंक काटे जाएंगे.

रिन्यू कराने वालों को देना होगा टेस्ट

नई व्यवस्था के तहत अन्य योजनाओं में उन लोगों के लिए अनिवार्य ड्राइविंग टेस्ट शामिल होंगे जो अपने ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू कराना चाहते हैं और जिन्होंने कोई अपराध किया है. वर्तमान में लाइसेंस की अवधि समाप्त होने से पहले उसे रिन्यू करवाने के इच्छुक लोगों के लिए ड्राइविंग टेस्ट अनिवार्य नहीं है.

इन वजहों होती हैं दुर्घटनाएं

भारत में सड़क हादसे एक गंभीर समस्या बन चुके हैं. हर साल हजारों लोग अपनी जान इन दुर्घटनाओं में गंवा देते हैं. मुख्य कारणों में तेज रफ्तार, शराब पीकर वाहन चलाना, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और सड़क की खराब हालत शामिल हैं. अधिकतर हादसे लापरवाही के कारण होते हैं. सरकार ने हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्य किए हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण नियमों का पालन नहीं होता. जनसहयोग, सख्त कानून और सड़क सुरक्षा शिक्षा से ही हादसों में कमी लाई जा सकती है.

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