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October 13, 2024 10:48 pm

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HIV Outbreak : एड्स से बचने के उपाय…….’ त्रिपुरा में भयावह स्थिति, 1790 नए मामले सामने आए, 47 की मौत…….’

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त्रिपुरा सरकार ने बुधवार को कहा कि 2023-24 के दौरान 1790 लोग एचआईवी/एड्स से संक्रमित हुए हैं और सकारात्मकता दर 0.92 प्रतिशत है। अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सरकार ने राज्य में एचआईवी/एड्स के प्रसार को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं।

समस्या का कारण: इंजेक्टेबल ड्रग्स का सेवन

त्रिपुरा एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने राज्य के 220 स्कूलों और 24 कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों को इंजेक्टेबल ड्रग्स लेते हुए पाया है। TSACS के संयुक्त निदेशक ने बताया, “हमने अब तक 220 स्कूलों और 24 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की पहचान की है, जहां छात्रों को इंजेक्टेबल ड्रग्स की लत है। हमने राज्य के 164 स्वास्थ्य सुविधाओं से डेटा एकत्र किया है और लगभग सभी ब्लॉकों और उपखंडों से रिपोर्ट प्राप्त की है।”

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समृद्ध परिवारों के बच्चे अधिक प्रभावित

TSACS के अधिकारी ने बताया, “अधिकांश मामलों में, एचआईवी पॉजिटिव पाए गए बच्चे समृद्ध परिवारों से संबंधित हैं। ऐसे परिवारों में जहां दोनों माता-पिता सरकारी सेवा में हैं और बच्चों की मांगों को पूरा करने में संकोच नहीं करते। जब तक वे समझ पाते कि उनके बच्चे ड्रग्स के शिकार हो चुके हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।”

नीडल शेयरिंग: एचआईवी संक्रमण का प्रमुख कारण

HIV/AIDS एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जिसमें इंजेक्टेबल ड्रग्स के उपयोग के साथ महत्वपूर्ण संबंध है। ड्रग उपयोगकर्ताओं के बीच नीडल शेयरिंग एचआईवी संक्रमण का प्रमुख कारण है, जिससे रक्त-से-रक्त संपर्क के माध्यम से वायरस का प्रसार होता है। कई क्षेत्रों में, इस तरह के व्यवहार नए एचआईवी संक्रमणों का एक बड़ा हिस्सा बनते हैं।

एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी: एक जीवनरक्षक उपाय

“मई 2024 तक, हमने एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्रों में 8,729 लोगों को पंजीकृत किया है। इनमें से 5,674 लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं। इनमें 4,570 पुरुष, 1,103 महिलाएं और केवल एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हैं,” एक अधिकारी के अनुसार। एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) एचआईवी/एड्स के उपचार का मुख्य आधार है, जिसमें वायरस की प्रतिकृति को दबाने के लिए दवाओं का संयोजन होता है।

त्रिपुरा में एचआईवी संक्रमण की कुल संख्या 

अप्रैल 1999 से, त्रिपुरा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम का हिस्सा रहा है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की सटीक सिफारिशों और कार्य योजना का पालन करते हुए त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने इस महामारी को नियंत्रित करने के अपने सभी प्रयासों में इसका पालन किया है। 2022-2023 में 1,847 नए एचआईवी संक्रमण पाए गए (सकारात्मक दर: 0.88%), और 67 एचआईवी-संबंधित मौतें हुईं। 2023-2024 में त्रिपुरा राज्य में 44 एचआईवी-संबंधित मौतें और 1,790 नए संक्रमण (सकारात्मक दर 0.92%) पाए गए।

एचआईवी/एड्स से बचने के उपाय

एचआईवी/एड्स एक गंभीर बीमारी है, लेकिन कुछ सावधानियों और उपायों को अपनाकर इससे बचा जा सकता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताए गए हैं:

1. सुरक्षित यौन संबंध
  • कंडोम का उपयोग करें: यौन संबंध बनाते समय हमेशा कंडोम का उपयोग करें, क्योंकि यह एचआईवी के प्रसार को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।
  • एक से अधिक यौन साथी न रखें: एक ही यौन साथी के साथ संबंध बनाए रखें और अनैतिक यौन संबंधों से बचें।
2. संक्रमित सुइयों और उपकरणों से बचें
  • साफ और नई सुइयों का उपयोग करें: यदि आप इंजेक्टेबल ड्रग्स का उपयोग करते हैं, तो हमेशा नई और साफ सुइयों का ही उपयोग करें। नीडल शेयरिंग से बचें।
  • स्वच्छ चिकित्सा उपकरण: चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान सुनिश्चित करें कि सभी उपकरण स्वच्छ और स्टरलाइज्ड हों।
3. रक्त संक्रमण से बचाव
  • सुरक्षित रक्त आधान: रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) से पहले सुनिश्चित करें कि रक्त एचआईवी के लिए जांचा गया हो।
  • स्वैच्छिक रक्तदान: सुनिश्चित करें कि रक्तदान के समय रक्तदाता एचआईवी निगेटिव हो।
4. माताओं के लिए सावधानियां
  • गर्भावस्था के दौरान जांच: गर्भवती महिलाएं नियमित रूप से एचआईवी जांच कराएं और अगर संक्रमित पाई जाती हैं, तो तुरंत इलाज कराएं ताकि नवजात को संक्रमण से बचाया जा सके।
  • स्तनपान में सावधानी: एचआईवी पॉजिटिव माताएं अपने बच्चे को स्तनपान कराने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
5. जागरूकता और शिक्षा
  • एचआईवी के बारे में जानें: एचआईवी/एड्स के बारे में सही जानकारी प्राप्त करें और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।
  • एड्स जागरूकता कार्यक्रम: एड्स जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
6. नियमित स्वास्थ्य जांच
  • नियमित जांच कराएं: समय-समय पर एचआईवी की जांच कराते रहें, खासकर अगर आप जोखिम समूह में आते हैं।
  • समय पर इलाज: अगर एचआईवी पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो तुरंत इलाज कराएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
7. मानसिक और भावनात्मक समर्थन
  • समर्थन समूह: एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के लिए समर्थन समूहों में शामिल हों, जहां आप मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्राप्त कर सकें।
  • परिवार और दोस्तों का समर्थन: अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुलकर बातचीत करें और उनसे समर्थन प्राप्त करें।

इन उपायों को अपनाकर आप एचआईवी/एड्स से बच सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। स्वास्थ्य की सुरक्षा आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए और सही जानकारी के साथ आप अपने और अपने प्रियजनों की रक्षा कर सकते हैं।

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