बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का ज्यादा चालाक बनना भारी पड़ रहा है. पहले यूनुस ने आते ही चीन और पाकिस्तान से रिश्ते गहरे करने शुरू किए. साथ ही उनपर आरोप है कि उनके पीछे अमेरिका का हाथ है. ऐसा लगता यूनुस इन तीनों देशों के साथ संबंध बना बांग्लादेश पर हमेशा के लिए काबिज होने के ख्वाब देख रहे हैं. लेकिन अब बांग्लादेश की सेना ने एक ऐसा फैसला किया है, जिसके बाद यूनुस के हाथ से देश का कंट्रोल ढीला हो जाएगा.
यूनुस ने लंबे समय तक चुनाव कराने का ऐलान नहीं किया और किया भी तो उसकी तारीख अभी तक नहीं बताई गई हैं. ऐसे में यूनुस को सेना के अलावा कोई शायद ही रोक सकता हो.
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने कल कहा कि ऐसी कोई भी कार्रवाई जो परेशानी का कारण बने, जनहित के खिलाफ हो या सशस्त्र बलों की छवि को नुकसान पहुंचाए, स्वीकार्य नहीं है. बांग्लादेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को देखते हुए वहां की सेना देश की स्थिति का कंट्रोल अपने हाथों में लेने का फैसला किया है. ये यूनुस के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
सेना प्रमुख बढ़ा रहे अपनी ताकत
बांग्लादेश सैन्य अधिकारियों के अमेरिका के सुरक्षा प्रतिष्ठान के साथ संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं. मई के दूसरे हफ्ते में सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर गए थे. जहां उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की है. जहां यूनुस देश में और विदेश में अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हैं वहीं लगा रहा सेना प्रमुख भी अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हैं.
जनता में निराशी क्या फिर होगा तख्तापलट?
बांग्लादेश की कानून व्यवस्था आए दिन बिगड़ती जा रही है, वहीं देश में आम चुनाव भी अभी तक नहीं हो पाए हैं. शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से देश की कुर्सी पर यूनुस बैठे हैं और उनकी ताकत का शख्स इस समय बांग्लादेश में नजर नहीं आ रहा है. लेकिन अब सेना में कई बदलाव होते दिख रहे हैं, जिसके बाद यूनुस के लिए खतरा पैदा हो सकता है.
