नई दिल्ली. आम और गर्मी का मौसम एक साथ आते हैं. गर्मियों का मौसम दशहरी, केसर, लंगड़ा से लेकर हापुस तक के स्वादिष्ट फलों के बिना अधूरा है. लेकिन हर चीज की तरह आम भी कुछ खास चीजों के साथ आते हैं. जिनमें उनको खाने की मात्रा और स्वास्थ्य पर असर से लेकर यह पता लगाने के तरीके शामिल हैं कि क्या उन्हें कृत्रिम रूप से पकाया गया है. आम को खाने से पहले आमतौर पर उनको घंटों पहले पानी में भिगोने की प्रथा शामिल है. आखिर आमों को खाने से पहले उन्हें पानी में भिगोने का क्या कारण है? भारत में सदियों से चली आ रही परंपरा में आम खाने से पहले उन्हें पानी में भिगोने का चलन है.
Approved Plot in Jaipur @ 3.50 Lakh call 9314188188
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस परंपरा की सराहना करते हुए जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट की मुख्य आहार विशेषज्ञ सुषमा पीएस ने कहा कि आमों को सिर्फ एक घंटे के लिए भिगोने से उनमें फाइटिक एसिड के स्तर को काफी कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह फाइटिक एसिड “एक पोषक रोधी तत्व” है, जो शरीर में खनिजों के अवशोषण को रोकता है. फाइटिक एसिड शरीर की आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे जरूरी खनिजों को अवशोषित करने की क्षमता को कमजोर करता है. आम को 1-2 घंटे तक भिगोने से अतिरिक्त फाइटिक एसिड निकल जाता है, जिससे पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है.
क्या है फाइटिक एसिड?
फाइटिक एसिड सभी पौधों के बीजों में पाया जाने वाला एक अनोखा तत्व है. जो खनिजों के अवशोषण की मात्रा को घटा देता है. इसके कारण इसके मानव शरीर पर होने वाले असर पर काफी शोध किया गया है. फाइटिक एसिड आयरन, जिंक और कैल्शियम के अवशोषण को रोकता है और खनिज की कमी को बढ़ावा दे सकता है . इसीलिए इसे अक्सर पोषक-विरोधी तत्व कहा जाता है.
आम को कितनी देर भिगोना जरूरी?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक आम को कम से कम 1 से 2 घंटे तक भरपूर पानी में भिगोना जरूरी होता है. लेकिन अगर आपके पास उतना समय नहीं है, तो 25-30 मिनट का त्वरित भिगोना भी काफी हो सकता है. विशेष रूप से भिगोने से न केवल पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है बल्कि मुंहासे, त्वचा की समस्याएं, सिरदर्द, कब्ज और आंत से संबंधित चिंताओं जैसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में भी मदद मिलती है. आयुर्वेद और आधुनिक साइंस दोनों ही खाने से पहले आम को भिगोने का समर्थन करते हैं. आयुर्वेद में, आम को उसकी मिठास और ठंडक देने वाले गुणों के लिए महत्व दिया जाता है, जो शरीर की गर्मी को संतुलित कर सकता है. उन्हें भिगोने से इन गुणों में वृद्धि हो सकती है. आधुनिक साइंस के नजरिये से आम को भिगोने से उनमें पानी की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे वे अधिक हाइड्रेटिंग हो जाते हैं और बनावट और स्वाद में सुधार होता है.
