शाकाहारी लोग प्रोटीन के लिए पनीर का अधिक सेवन करते हैं. पनीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक पाया जाता है. घर से लेकर रेस्त्रां में अधिकतर लोग पनीर की डिशेज खाना पसंद करते हैं. कहीं आप तो नकली पनीर नहीं खा रहे हैं. व्यापारी ज्यादा लाभ की वजह से पानी में मिलावट करते हैं.
फूड पॉइजनिंग
नकली या मिलावटी पनीर खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं, फूड पॉइजनिंग, एलर्जी, इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाते हैं. इतना ही नहीं नकली पनीर खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बना रहता है. आइए जानते हैं नकली पनीर कैसे बनता है, इसे खाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.
कैसे बनता है मिलावटी पनीर
असली पनीर की जगह बाजार में मिलावटी पनीर ज्यादा बिक रहा है. इस पनीर को सिंथेटिक पनीर कहते हैं जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है. नकली पनीर बनाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जैसे यूरिया, डिटर्जेंट, सफ्लरिक एसिड, मैदा, चूना, आदि का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा नकली पनीर में पाम ऑयल मिलाया जाता है.
नकली पनीर के नुकसान
मिलावटी पनीर खाने से वजन बढ़ने लगता है. मिलावटी पनीर खाने से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. मिलावटी पनीर में सिंथेटिक दूध मिलाया जाता है जो कि पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है.
दस्त
मिलावटी पनीर खाने से बार-बार दस्त की समस्या हो सकती है. मिलावटी पनीर खाने से उल्टी जैसी समस्या भी हो सकती है. पनीर को गंदे पानी में बनाया जाता है जिस वजह से पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है.
किडनी
मिलावटी पनीर में यूरिया और सिंथेटिक दूध का इस्तेमाल किया जाता है जो कि किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है. लंबे समय तक नकली पनीर का सेवन करने से किडनी में दर्द हो सकता है.
कैंसर
लंबे समय तक मिलावटी चीजे और पनीर खाने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जो कि कई बीमारियों को दावत दे सकता है. मिलावटी पनीर में कई केमिकल होते हैं जो कि कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को जन्म दे सकते हैं.
कैसे करें पहचान
FSSAI के अनुसार एक पैन लें उसमें पनीर को उबाल लें. अब उबले हुए पनीर में आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें. अगर पनीर का रंग नीला हो जाता है तो यह पनीर मिलावटी है. वहीं पनीर का रंग में कोई अंतर नजर नहीं आता है तो वह पनीर असली है.