बजट सत्र आने में अभी समय है लेकिन चर्चाएं शुरू हो गई हैं. मिडिल क्लास सरकार की ओर राहत मिलने की आस से देख रहे हैं. सरकार भी इस बार मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत देने के मूड में दिखाई दे रही है. चर्चाएं हैं कि सरकार इस बार बजट में 10.5 लाख रुपये तक के सालाना वेतन पर टैक्स को घटा सकती है. एक फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट के दौरान सरकार इसकी घोषणा कर सकती है.
इस निर्णय के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि बढ़ती महंगाई के बीच खपत को बढ़ावा दिया जाए. अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में तीन लाख से 10.5 लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक का टैक्स वसूला जाता है. वहीं, 10.5 लाख से अधिक की आय पर सरकार 30 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलती है.
2 रिजीम में से किसी एक को चुनने का विकल्प
- ओल्ड रिजीम: हाउस रेंट और बीमा जैसी छूट शामिल.
- न्यू रिजीम (2020): कम टैक्स दर, हालांकि, अधिकांश छूट हटा दी जाती है.
इस फैसले से अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सितंबर 2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि सात तिमाहियों में सबसे कम रही. खाद्य मुद्रास्फीति ने शहरी परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा दिया है, इस वजह से वाहनों, घरेलू सामानों और पर्सनल केयर के उत्पादों की मांग प्रभावित हो रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर उपभोक्ताओं के हाथ में अधिक इनकम आती है तो वे खुलकर खरीददारी कर पाएंगे और भारत की अर्थव्यवस्था में इससे तेजी आएगी.
सरकार का इस पर क्या कहना है
सूत्रों की मानें तो सरकार टैक्स कटौती को अंतिम रूप देने का फैसला बजट के आसपास ही करेगी. वित्त मंत्रालय ने अब तक इस प्रस्ताव या फिर इस वजह से रेवेन्यू पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है. मान लीजिए अगर सरकार इस प्रस्ताव को पास कर देती है और बजट में इसकी घोषणा हो जाती है तो करोड़ों करदाताओं को राहत मिलेगी.