अमेरिका के राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप कई बड़े फैसले ले रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि जल्द ही वह दुनियाभर के अमीरों को ‘गोल्ड कार्ड’ बेचेंगे। ट्रंप के मुताबिक यह अमेरिका में पहले से मिलने वाले ग्रीन कार्ड की तरह होगा लेकिन इसमें कुछ साख सुविधाएं भी दी जाएंगी। हालांकि इसके लिए 5 मिलियन डॉलर खर्च करने होंगे। इस कार्ड के जरिए दुनियाभर के अमीरों को अमेरिका में बसाने की तैयारी की जा रही है।
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ट्रंप ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह योजना अगले दो हफ्ते में शुरू होने जा रही है और इसके लिए संसद की मंजूरी की भी जरूरत नहीं है। ड्रंप ने कहा कि जिन देशों के साथ अमेरिका के दोस्ताना संबंध हैं, वहां रहने वाले लोग इस कार्ड को हासिल कर सकते हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं कुछ रूसी अरबपतियों को जानता हूं, जो बहुत अच्छे हैं। मुझे लगता है कि वे गोल्ड कार्ड को हासिल कर सकते हैं।
क्या है गोल्ड कार्ड
गोल्ड कार्ड दरअसल अमेरिका में पहले से ही लोगों को मिल रहे ग्रीन कार्ड का प्रीमियम वर्जन होगा। हालांकि गोल्ड कार्ड प्राप्त करने के बाद लोगों को ग्रीन कार्ड के मुकाबले अधिक सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा अमेरिका में निवेश करने और नागरिकता प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। ट्रंप सरकार का प्लान ऐसे करीब एक मिलियन कार्ड बेचने का है।
क्या होता है ग्रीन कार्ड?
ग्रीन कार्ड अमेरिका का एक सरकारी पहचान पत्र या दस्तावेज है। इसे परमानेंट रेजिडेंट कार्ड (स्थायी निवासी कार्ड) के रूप में जाना जाता है। ग्रीन कार्ड पर व्यक्ति की पहचान से संबंधित जानकारी जैसे की उसका नाम, लिंग, मूल देश, जन्मतिथि, फोटो फिंगरप्रिंट, यूएससीआईएस नंबर, एक्सपायरी आदि अंकित होती है। इसे एलियन रजिस्ट्रेशन कार्ड और फॉर्म I-551 के नाम से भी जाना जाता है। ग्रीन कार्ड को यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) जारी करती है। इस कार्ड में कार्ड होल्डर की फोटो, फिंगरप्रिंट, बायोग्राफिक इंफोर्मेशन और एक्सपायरी डेट होती है। अमेरिका में भारतीयों की तादाद 48 लाख के आसपास है, जिसमें से बड़ी संख्या में लोगों के पास ग्रीन कार्ड है। 10 लाख भारतीय ऐसे हैं, जो अमेरिका में ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए अभी इंतजार कर रहे हैं।
