उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार (2 जुलाई) को सत्संग सुनने पहुंचे लोगों में भगदड़ मच गई, जिसके बाद करीब 121 लोगों की इस भगदड़ में जान चली गई. मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा संख्या में महिलाएं शामिल हैं. इस हादसे में 35 लोगों के घायल होने की खबर है, जिनका इलाज चल रहा है. हादसे को लेकर पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सत्संग कार्यक्रम में करीब 2.5 लाख लोग शामिल होने पहुंचे थे लेकिन पंडाल में किसी भी तरह से कोई इंतजाम नहीं किए गए थे, ये हादसे को खुद दावतनामा दिया गया था.
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने आगे कहा कि कार्यक्रम में किसी भी तरह के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. पंडाल के बाहार न कोई एंबुलेंस व्यवस्था थी , न कोई तो पुलिस की व्यवस्था, न ही अग्निश्मन और बेसिक चिकित्सा व्यवस्था होनी चाहिए थी. इसके आगे उन्होंने कहा कि इस हादसे का जवाब कौन देगा. आगे उन्होंने कहा जिन भोले बाबा का सत्संग का था, उनके ऊपर कई मुकदमे पहले से दायर हैं. जिसमें की यौन शोषण का मामला भी शामिल है. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को इस बाबाओं के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए जो चमत्कारी बातें करते हैं, ये कानूनी अपराध है. इन बाबाओं पर मैजिक रेमेडीज एक्ट के अंतर्गत एक्शन लिया जाना चाहिए.
आपको बता दें कि यूपी के हाथरस में सत्संग भोले बाबा का था. इस सत्संग में 2.5 लाख से ज्यादा की भीड़ जमा हुई थी. माना जा रहा है सत्संग खत्म होने के बाद जब बाबा गेट से अपनी कार में जाने लगे तभी उन्हें देखने के लिए भगदड़ मच गई जिसके बाद ये हादसा हुआ. पंडाल का हॉल छोटा था और गेट भी पतला था. जिसकी वजह ले लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े.
बाबा के खिलाफ यौन शोषण के आरोप
पूर्व डीजीपी आगे बोले कि आजकल कोई भी बाबा का आडंबर ओढ़कर आ जाता है और लोग उसे भगवान नारायण का अवतार समझते हैं. दुर्भाग्य यही है, इसके आगे उन्होंने बताया कि इस बाबा के खिलाफ छह-सात अपराधिक मुकदमे दायर हैं जिसमें यौन शोषण भी शामिल है
बड़ी संख्या में महिलाओं ने गंवाई जान
हाथरस जिले में हुए हादसे में करीब 116 लोगों की जान गई है जिसमें अधिकतर महिलाएं हैं. वहीं बड़ी संख्या में बच्चे और बुजुर्गों की भी इस हादसे में जान गई है. जानकारी के मुताबिक ये घटना उस समय हुई जब सत्संग खत्म हो गया था और बाबा अपनी कार में वापिस जा रहे थे तभी वहां बाबा को देखने के लिए भगदड़ मच गई.