सरकारी बैंकों (पीएसबी) के बढ़ते कारोबार और रिकॉर्ड लाभ को देखते हुए वित्त मंत्रालय इनमें मुख्य महाप्रबंधकों के पदों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। मौजूदा सरकारी निर्देशों के मुताबिक, पीएसबी में चार महाप्रबंधकों के लिए एक मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) हो सकता है।
सूत्रों ने बताया, ये निर्देश 2019 में जारी किए गए थे। इसके बाद से कोविड-19 महामारी के बावजूद सरकारी बैंकों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। वित्त मंत्रालय के तहत कार्यरत वित्तीय सेवा विभाग सीजीएम पदों की समीक्षा कर रहा है। निर्देशों में ढील देने का फैसला गहन जांच और बैंकों के कारोबार को आगे बढ़ाने की जरूरत पर विचार के बाद लिया जाएगा। सीजीएम पद 2019 में 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों के चार बड़े बैंकों में विलय के बाद बनाया गया था।
इसके अलावा, सरकारी बैंकों ने वित्तीय सेवा विभाग से यह अनुरोध किया है कि निदेशक मंडल को उनकी कारोबारी जरूरतों के अनुसार पदों की संख्या तय करने की अनुमति दी जानी चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में करीब चार लाख अधिकारी कार्यरत हैं।
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समीक्षा से नियुक्ति में होगा सुधार
एक सरकारी बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा, जीएम/ डीजीएम/एजीएम का मौजूदा अनुपात 1:3:9 है। यह 2016 की स्थिति पर आधारित है और बेहतर कार्यात्मक नियंत्रण के लिए इसकी समीक्षा होनी चाहिए। इससे वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति में सुधार करने में मदद मिलेगी।
एक साल में 35 फीसदी बढ़ा मुनाफा
बीते वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों कुल संयुक्त मुनाफा 1.41 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। यह सालाना आधार पर 35 फीसदी अधिक है। 2022-23 में 12 सरकारी बैकों ने मिलकर 1,04,649 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।
- 2023-24 के दौरान सरकारी बैंकों के कुल मुनाफे में एसबीआई की हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक रही थी। इस दौरान, एसबीआई को 61,077 करोड़ का लाभ हुआ था।
- पंजाब नेशनल बैंक का मुनाफा सर्वाधिक 228 फीसदी बढ़कर 8,245 करोड़ पहुंच गया था।