पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) खोलने के आदेश का आज अंतिम दिन है। हाईकोर्ट ने सात दिन में बॉर्डर को आम लोगों के लिए खोलने का आदेश दिया था। हालांकि हरियाणा सरकार अभी बॉर्डर खोलने के लिए राजी नहीं है। सरकार का साफ कहना है कि अभी आठ लेयर की सुरक्षा दीवार को नहीं हटाया है। अभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रहा है लेकिन उसकी ओर से अभी इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। उधर शंभू बॉर्डर पर किसानों की हलचल तेज हो गई है। किसान संगठन आगे की रणनीति को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं। किसानों ने बुधवार को अंबाला डीसी और एसपी ऑफिस घेराव करने का ऐलान किया था। हालांकि अब इसे टाल दिया गया है।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के इंतजार में सरकार
हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को शंभू बॉर्डर को सप्ताहभर में खोलने का आदेश दिया था। हरियाणा व पंजाब की सीमा पर अंबाला के निकट शंभू बॉर्डर खोलने के हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध हरियाणा सरकार 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। हालांकि इस याचिका पर सोमवार को भी कोई सुनवाई नहीं हुई और न तारीख दी गई। जानकारी के मुताबिक हरियाणा सरकार की नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है। इससे पहले शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग नहीं हटाए जाएंगे।
बता दें कि शंभू बॉर्डर में पांच महीने से पक्का मोर्चा लगाए बैठे किसानों में बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंजाब के किसान संगठन दिल्ली कूच के लिए तैयार बैठे हैं। उन्हें इस बॉर्डर के खुलने का इंतजार है।
किसान आज एसपी ऑफिस का रहेंगे घेराव
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शंभू बॉर्डर ना खोले जाने को लेकर किसान आज अंबाला एसपी ऑफिस का घेराव करने की तैयारी में हैं। वह बुधवार को सुबह अनाज मंडी में एकत्रित होंगे और उसके बाद ही एसपी ऑफिस के लिए कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि शुभकरण की शॉट गन से मौत पर हरियाणा की तरफ से गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा पुलिस भी शॉट गन का इस्तेमाल करती रही है। किसान नेताओं ने कहा कि शुभकरण सिंह की हत्या की जांच हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को सौंपना उचित नहीं है, क्योंकि हरियाणा पुलिस के अधिकारियों पर ही आरोप हैं।