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December 9, 2024 6:13 pm

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Eye infection : जानिए गुलाबी आंखों से बचने के 5 आसान उपाय…….’ बरसात में आंखों का संक्रमण?

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हरी-भरी प्रकृति और आंखों की समस्या 

बारिश से उत्पन्न हरियाली आंखों को राहत देती है, लेकिन इससे आंखों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है। बरसात के दिनों में कंजक्टिवाइटिस, फंगल, वायरल, बैक्टीरियल संक्रमण और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इससे आंखों में लाली, सूखापन, खुजली और दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। इसके चलते कई बार सिरदर्द और माइग्रेन भी हो जाता है। इसलिए इस मौसम में आंखों का खास ख्याल रखना जरूरी है।

मॉडर्न लाइफस्टाइल और आंखों की देखभाल 

वैसे तो हर मौसम में आंखों की देखभाल जरूरी है क्योंकि मॉडर्न लाइफस्टाइल में कई चीजें आंखों की दुश्मन होती हैं। जैसे कि लंबे समय तक ऑनलाइन रहना, रेडिएशन और प्रदूषण। ग्लूकोमा, मोतियाबिंद और मायोपिया जैसी समस्याएं भी नजरअंदाज नहीं की जा सकतीं। इन बीमारियों के बढ़ते मामले बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी मोटे चश्मे पहनने पर मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में योग की मदद से आंखों की समस्याओं को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

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बरसात के मौसम में सामान्य आंखों की समस्याएं 

– कंजक्टिवाइटिस
– वायरल संक्रमण
– बैक्टीरियल संक्रमण
– आंखों में एलर्जी

गुलाबी आंखों के कारण 

गुलाबी आंखों के दुश्मन हमारी खराब लाइफस्टाइल होती है। इसके अलावा, ऑनलाइन पढ़ाई, काम, रेडिएशन, प्रदूषण, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और मायोपिया भी इसके प्रमुख कारण हैं।

दृष्टि सुधारने के उपाय 
  • सुबह और शाम 30 मिनट प्राणायाम करें। साथ ही अनुलोम-विलोम और भ्रामरी का 7 बार अभ्यास करें।
  • ‘महात्रिफला घृत’ का सेवन करें, इसे एक चम्मच दूध में मिलाकर भोजन के बाद दिन में दो बार लें।
  • एलोवेरा और आंवला का रस पिएं। त्रिफला और गुलाब जल भी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
घरेलू नुस्खे

1 चम्मच सफेद प्याज का रस, 1 चम्मच अदरक और नींबू का रस, 3 चम्मच शहद और 3 चम्मच गुलाब जल को मिलाएं। इन सभी को आंवले के रस में मिलाकर रखें। हर सुबह और शाम इस मिश्रण की दो बूंदें आंखों में डालें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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