PM Modi In Kanyakumari: चुनावी प्रचार से मुक्त होने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘ध्यान’ में लीन हो जाएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण का प्रचार गुरुवार शाम को खत्म हो रहा है. पीएम मोदी उसके बाद दो दिनों के लिए तमिलनाडु चले जाएंगे. वह कन्याकुमारी के विवेकानंद स्मारक शिला पर दो दिन ‘साधना’ करेंगे. 2019 आम चुनाव में भी प्रचार के बाद मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे थे. वहां उन्होंने 15 घंटे तक ‘एकांतवास’ किया था. इस बार, पीएम 48 घंटों तक ‘मौन व्रत’ पर रहेंगे.
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दल पीएम की ‘साधना’ के खिलाफ चुनाव आयोग (EC) चले गए हैं. अपनी शिकायत में कांग्रेस ने कहा कि मोदी ऐसा पब्लिसिटी के लिए कर रहे हैं. कांग्रेस ने दलील दी है कि यह आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन है. पार्टी ने कहा कि अगर पीएम मोदी को ध्यान ही लगाना है तो मीडिया को उससे दूर रखना चाहिए. TMC नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर मोदी के ध्यान का टीवी पर प्रसारण हुआ तो उनकी पार्टी EC से शिकायत करेगी.
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कन्याकुमारी की विवेकानंद स्मारक शिला का महत्व
विवेकानंद स्मारक शिला या Vivekananda Rock एक छोटा सा टापू है. यह कन्याकुमारी के वावथुरई समुद्र तट से लगभग 500 मीटर दूर स्थित है. 1892 में, स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी के तट से तैरते हुए इस टापू पर पहुंचे थे. तमिलनाडु टूरिज्म की वेबसाइट के अनुसार, स्वामी विवेकानंद को यहीं पर ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. जिस चट्टान पर स्मारक बना है, वहीं पर बैठ विवेकानंद ध्यानमग्न हुए थे.
कन्याकुमारी आने से पहले विवेकानंद ने चार साल तक भारत का कोना-कोना घूम कर देखा था. आखिरकार, कन्याकुमारी में उन्होंने अपना दर्शन तैयार किया. 1963 में स्वामी विवेकानंद की जन्मशती के मौके पर विवेकानंद स्मारक समिति का गठन किया गया था. उसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एकनाथ रानाडे की महत्वपूर्ण भूमिका थी. टापू पर बने स्मारक का उद्घाटन 1970 में तत्कालीन राष्ट्रपति वी वी गिरि ने किया था.
पीएम मोदी क्यों विवेकानंद स्मारक शिला पर लगाएंगे ध्यान?
प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श बताया है. पिछले साल मोदी ने रामकृष्ण मिशन की 125वीं वर्षगांठ पर आयोजन में हिस्सा लिया था. रामकृष्ण मिशन एक परोपकारी संगठन है जिसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी.
बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार का अंत तमिलनाडु से करके पीएम मोदी शायद राजनीतिक संदेश भी देना चाह रहे हैं. मोदी और उनकी पार्टी ने हाल के दिनों में दक्षिण में पैठ मजबूत करने की खूब कोशिश की है. 2024 के पांच महीनों में वह सात बार तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं. चुनाव प्रचार के दौरान, मोदी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि बीजेपी दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी.
पांच दक्षिणी राज्यों- तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में कुल 131 लोकसभा सीटें हैं. 39 लोकसभा सीटों के साथ तमिलनाडु चुनावी रूप से दक्षिण का सबसे अहम राज्य है.
पीएम मोदी के ध्यान लगाने से विपक्ष को आपत्ति क्यों?
पीएम मोदी के विवेकानंद स्मारक शिला पर ध्यान लगाने की योजना से कई विपक्षी दल नाखुश हैं. कांग्रेस ने गुरुवार को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. पार्टी के अनुसार, मोदी का यह ध्यान पब्लिसिटी के लिहाज से किया जा रहा है, इसलिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘हमने ECI से शिकायत में कहा कि पीएम मोदी ने घोषणा की है कि वह 30 मई की शाम से मौत व्रत पर बैठेंगे… (चुनाव का) मौन काल 30 मई की शाम 7 बजे से 1 जून तक रहेगा. यह (पीएम का प्लान) आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. ये सब प्रचार जारी रखने या खुद को सुर्खियों में रखने की तिकड़में हैं. हमने चुनाव आयोग से कहा है कि उन्हें (मोदी) यह (मौत व्रत) 1 जून की शाम के 24-48 घंटे बाद शुरू करना चाहिए. लेकिन अगर वह इसे कल (शुक्रवार) से शुरू करने पर अड़े रहते हैं तो उसका प्रिंट या ऑडियो विजुअल मीडिया में टेलीकास्ट करने पर रोक होनी चाहिए.’
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी की ध्यान को टीवी पर दिखाया गया तो TMC चुनाव आयोग से शिकायत करेगी. ममता ने कहा, ‘हम शिकायत करेंगे. हम ध्यान लगा सकते हैं, लेकिन इसे टेलीविजन पर नहीं दिखाया जा सकता.’ ममता ने कहा कि यह ‘MCC का उल्लंघन’ होगा. सीएम ने पूछा, ‘क्या किसी को ध्यान लगाने के लिए कैमरों की जरूरत पड़ती है?’