मध्य पूर्व में इजराइल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर तुर्किए ने अब अपना रुख और ज्यादा साफ कर दिया है. राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि तुर्किए अब अपनी छोटी और लंबी दूरी की मिसाइलों का उत्पादन तेजी से बढ़ाएगा. एर्दोआन का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पूरा क्षेत्र युद्ध की आग में झुलस रहा है और कई देश इस टकराव से खुद को बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं.
कैबिनेट बैठक के बाद टीवी पर संबोधन में एर्दोआन ने कहा कि बहुत कम समय में हम ऐसी रक्षा क्षमता हासिल कर लेंगे जिसे चुनौती देने की कोई हिम्मत नहीं करेगा. उन्होंने साफ किया कि तुर्किए अब अपनी मिसाइलों के जखीरे को ‘डिटरेंस लेवल’ तक ले जाने की तैयारी में है. इस बयान से ये भी साफ हो गया कि तुर्किए सिर्फ क्षेत्रीय राजनीति में मध्यस्थता की भूमिका में नहीं रहना चाहता, बल्कि खुद को एक बड़ी सैन्य ताक़त के रूप में स्थापित करने के रास्ते पर चल पड़ा है.
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“तुर्किए बना सकता है पुल, हम मध्यस्थता को तैयार”
हालांकि एर्दोआन ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि उनका देश इस वक्त ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए सक्रिय डिप्लोमेसी में जुटा है. उन्होंने कहा है कि हमने अपने समकक्षों को स्पष्ट रूप से बताया है कि तुर्किए मध्यस्थता समेत जो भी ज़रूरी हो, करने को तैयार है. विदेश मंत्री हाकान फिदान भी लगातार संबंधित पक्षों के संपर्क में हैं. लेकिन इसके साथ ही एर्दोआन ने इजराइल पर तीखा हमला बोला और उसके इरादों पर सवाल खड़े किए.
“इजराइल खुद अपनी तबाही की ओर बढ़ रहा है”
एर्दोआन ने इजराइल के हमलों को धोखे की आड़ में की जा रही कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि हर ज़ुल्म, हर खून की बूंद और हर मानवता विरोधी अपराध के साथ इजराइल अपने ही वजूद और भविष्य को दांव पर लगा रहा है. उन्होंने चेताया कि जो देश जमीनी सच्चाइयों को नजरअंदाज कर क्षेत्र में कदम उठाते हैं, वे अक्सर विनाश की ओर बढ़ते हैं. और यह विनाश आमतौर परपतन के साथ खत्म होता है.
