वॉशिंगटन: हिंद महासागर में एक व्यापारिक जहाज पर शनिवार को ड्रोन हमले के बाद पूरी दुनिया में खलबली मच गई थी. अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है. पेंटागन ने इस मामले में बड़ा दावा किया है. अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा है कि ड्रोन ईरान से लॉन्च किया गया था. पेंटागन का कहना है कि ईरानी ड्रोन हमले ने भारत के पास रासायनिक टैंकर को निशाना बनाया था न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार पेंटागन के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘ईरान से एकतरफा हमला करने वाले ड्रोन से हमला किया गया था. जहाज CHEM प्लूटो, एक लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ, जापानी स्वामित्व वाला और नीदरलैंड संचालित रासायनिक टैंकर स्थानीय समयानुसार लगभग 10 बजे (6 बजे GMT) हिंद महासागर में, भारत के तट से 200 समुद्री मील दूर हमला हुा था.’
बता दें कि ब्रिटिश सेना के यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑफरेशंस (UKMTO) और समुद्री सुरक्षा फर्म एंब्रे के अनुसार इस हमले से जहाज पर आग लग गई थी. इन दोनों संगठनों ने यह भी बताया कि लाइबेरिया के झंडे वाला यह जहाज रासायनिक उत्पाद टैंकर था और इसका संबंध इजरायल से था.
पेंटागन ने बयान में कहा कि यह साल 2021 के बाद से वाणिज्यिक शिपिंग पर सातवां ईरानी हमला था. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में ईरानी प्रतिनिधिमंडल के एक प्रवक्ता ने इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है. यह घटना इजरायल-हमास युद्ध के बीच ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में जहाजों पर हमले तेज करने के दौरान सामने आई है.
यह घटना 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और शिपिंग लेन के लिए नए खतरे को उजागर करती है. ईरानी सरकार, साथ ही यमन में उसके सहयोगी आतंकवादी बलों ने गाजा में इजरायली सरकार के सैन्य अभियान की सार्वजनिक रूप से आलोचना की है. सहायता निगरानीकर्ताओं के अनुसार, जारी संघर्ष में हजारों फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं.