दिल्ली से श्रीनगर जाने वाली इंडिगो की फ्लाईट 21 मई को ओलावृष्टि व खराब मौसम की चपेट में आई थी। इस कारण फ्लाइट को जबरदस्त टर्बुलेंस झेलना पड़ा था। इस बीच डीजीसीए ने दोनों ही पायलटों के खिलाफ एक्शन लिया है। डीजीसीए ने जांच की प्रक्रिया पूरी होने तक दोनों पायलटों को उड़ान भरने से रोका है.
डीजीसीएक के अधिकारी के मुताबिक जांच पूरी होने तक पायलटों को प्लेन नहीं उड़ाने दिया जाएगा। इस बीच नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने दोनों पायलटों की जमकर तारीफ की है। विमानन मंत्री ने कहा कि इस समय घटना की जांच की जा रही है। वर्तमान में मौजूद जानकारी के मुताबिक दोनों पायलटों की सराहना की जानी चाहिए। संकट की घड़ी में दोनों पायलटों ने धैर्य के साथ काम किया। हम दोनों पायलटों का आभार व्यक्त करते है कि उन्होंने कोई बड़ी घटना होने से रोकी और सभी यात्री सुरक्षित है। फिलहाल ये जांच की जा रही है कि असल में क्या हुआ था।
21 मई के बारे में जानें
इस घटना के बाद डीजीसीए ने बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया कि 21 मई को इंडिगो की फ्लाइट संख्या ए321 दिल्ली से श्रीनगर की ओर रावना हुई थी। जैसे ही फ्लाइट पंजाब के पठानकोट के पास पहुंची वैसे ही मौसम बिगड़ गया। इस दौरान ओले भी गिरे थे। पायलटों ने खराब मौसम को देखते हुए इंडियन एयरफोर्स से इंटरनेशनल बॉर्डर की ओर मुड़ने की अनुमति मांगी। हालांकि एयरफोर्स ने इसकी इजाजत नहीं दी और मना कर दिया।
इसके बाद पायलट ने लाहौर एटीसी से संपर्क किया और उनके हवाई क्षेत्र में एंट्री करने की इजाजत मांगी मगर वहां से भी सकारात्मक रिस्पॉन्स नहीं मिला। इसके बाद पायलट ने फ्लाइट को वापस ले जाने की कोशिश की और इस दौरान वो बारिश व तूफान में फंस गया। डीजीसीए की मानें तो फ्लाइट की स्पीड को तेज किया गया था। अंत में फ्लाइट श्रीनगर में सेफ लैंडिंग कर सकी। इस तूफान में फ्लाइट की नोज को नुकसान हुआ है। इस मामले की जांच में डीजीसीए जुटी हुई है।
