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February 5, 2025 9:28 am

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बजट उम्मीद: पूरे पीएफ फंड को पेंशन में बदलने का मिल सकता है; विकल्प!

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केंद्र सरकार सेवानिवृत्त के बाद बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा के तहत व्यापक लाभ दिए जाने के विकल्पों पर विचार कर रही है। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े कर्मचारियों को अपने पीएफ फंड को पेंशन में बदलने का विकल्प दिया जा सकता है। इससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन मिल पाएगी। संभावना जताई जा रही है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में भी सरकार सामाजिक सुरक्षा को लेकर ऐलान कर सकती है।

सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार के निर्देश पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय पहले से सामाजिक सुरक्षा योजना का दायरा बढ़ाने के विकल्पों पर काम कर रहा है। नए विकल्पों के तहत श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। ईपीएफओ से जुडे श्रमिक पीएफ फंड में जमा धनराशि को रिटायरमेंट के समय पेंशन के तौर पर बदलर सकेंगे।

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इसका मतलब है कि सेवानिवृत्ति के समय किसी कर्मचारी को लगता है कि उसे बुढ़ापे में पेंशन अधिक चाहिए तो वह फंड में जमा धनराशि को पेंशन फंड में डाल सकता है। इससे पेंशन के तौर पर मिलने वाली धनराशि बढ़ जाएगी।

ये सुविधाएं भी मिल सकती हैं
1. रिटायरमेंट के बाद भी पीएफ फंड पर ब्याज मिलेगा

इसी तरह से अगर किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय लगता है कि उसके पास आय के अन्य विकल्प हैं और उसे 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने पर पेंशन नहीं चाहिए, बल्कि वह पेंशन को 60-65 या अन्य किसी उम्र से शुरू करना चाहता है तो यह विकल्प भी प्रदान किया जाएगा। ऐसे में पेंशन फंड में जमा धनराशि पर सालाना ब्याज जुड़ता रहेगा और जिस उम्र से शुरू करना चाहेगा, उससे उसी हिसाब से पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

2. पीएफ खाते में एकमुश्त धनराशि जमा कराने की व्यवस्था

मंत्रालय चाहता है कि ईपीएफओ सदस्यों को नियमित निर्धारित मासिक अंशदान के अतिरिक्त एकमुश्त धनराशि अपने खाते में डालने की अनुमति दी जाए। इस विकल्प पर बीते काफी समय से चर्चा चल रही है, लेकिन अब काफी स्तर पर सहमति बनती दिखाई दे रही है।

अगर, ऐसी सुविधा प्रदान कर दी जाती है तो उससे पीएफ खाते में ज्यादा अंशदान जमा हो सकेगा। इससे सामाजिक सुरक्षा के तहत कर्मचारियों को ज्यादा फंड अपने खाते में रखने और सेवानिवृत्त होने पर ज्यादा पेंशन मिल सकेगी।

3. अतिरिक्त अंशदान पर आयकर छूट पर विचार

मंत्रालय का मानना है कि काफी लोग होते हैं, जिनके पास बचत होती है लेकिन वो बैंकों में एफडी इसलिए नहीं कराते हैं कि वहां पर सालाना ब्याज सात प्रतिशत या उससे कम ही मिलता है। जबकि, पीएफ खाते में जमा धनराशि पर सवा आठ फीसदी से अधिक का ब्याज मिलता है।

ऐसे में अगर एकमुश्त जमा की सुविधा दी जाती है तो उससे लोग भविष्य की सुरक्षा के लिए ईपीएफ खाते में पैसा डालना शुरू करेंगे। सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में वित्त मंत्रालय से भी चर्चा की गई है कि वो ऐसे अंशदान पर आयकर छूट सीमा का भी लाभ दे, जिससे कि लोग अंशदान के तौर पर एकमुश्त पैसा डालने के प्रति प्रोत्साहित हो सकें।

4. आईटी सिस्टम का दायरा बढ़ाने पर विचार

मौजूदा समय में ईपीएफओ के सिस्टम को बैंकिंग की तरह बनाने पर काम चल रहा है। आईटी सिस्टम 3.0 के जून में पूरा होने की संभावना है, जिससे लोगों को बैंकिंग जैसी सुविधा मिलने लगेगी। इसके साथ ही, सरकार सामाजिक सुरक्षा के तहत लाभों को बढ़ाने से जुड़े विकल्पों पर भी काम कर रही है, जिसका ऐलान बजट या फिर उसके बाद भी किया जा सकता है। इसको लेकर ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बीच नियमित तौर पर चर्चा जारी है।

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